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________________ पृष्ठ सं० ११८ प्रणादि पर जात्यादि धृत ... .११९ शीतवात पर अग्निकुमार रस । १२० शीतज्वर पर कारुण्यसागर रस १२१ शीतज्वर पर बडवानल रस ... १२२ शीतज्वर पर शीतकण्टक रस १२३ शीतज्वर पर शीतकुठार रस १२४ शीतज्वर पर शीतकेशरी रस १२५ शीतज्वर पर शीतमंजी रस १२६ शीतज्वर पर शीतमंजी रस १२७ शीतज्वर पर शीतमातंगसिंह रस १२८ शीतज्वर पर शीतांकुश रस , १२९ शीतज्वर पर शीतांकुश रस १३० शोतज्वर पर श्वेतभास्कर रस १३१ शीतज्वरादि पर स्वच्छन्द भैरवी रस १३२ शूलरोग पर ज्वालामुख रस १३३ शूल पर शूलकुठार रस ... १३४ शूलादि पर तालकादि रस ... १३५ शूलादि पर शूलकुठार रस ... १३६ शूलादि पर शूलकुठार रस ... १३७ श्वासकासादि पर गजसिंह रस १३८ श्वासकासादि पर सूतकादि योग १३९ श्वास पर इन्द्रवारुणी योग ... १४० श्वास पर पारदादि योग ... १४१ श्वास पर सूर्यावत्तै रस ... १४२ श्वासादि पर अमृतसंजीवन रस १४३ श्वासादि पर शिलातल रस . १४४ षडांग गुग्गुल १४५ सन्निपात पर गंधकादि योग ... १४६ सन्निपात पर पंचवक्त्र रस .... १४७ सन्निपातादि पर भूतादिमैरव रस Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.035294
Book TitleVaidyasara
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSatyandhar Jain
PublisherJain Siddhant Bhavan
Publication Year1942
Total Pages132
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
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