SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 15
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ [ ड ] प्रन्थ है, दुर्भाग्य से जिसका पता अभीतक हम लोग नहीं लगा सके हैं। इस बात को जैन ही नहीं, जैनेतर विद्वान् मी स्वीकार करते हैं कि आचार्य पूज्यपाद अन्यान्य विषयों के समान आयुर्वेद के भी एक अद्वितीय विद्वान् थे । खैर, इस विषय को मैं यहाँ पर बढ़ाना नहीं 1 चाहता हूँ । इसी प्रकार का एक संग्रह भवन में और है । इसमें लगभग ६५ प्रयोग हैं। इन प्रयोगों में भी प्रायः सर्वत्र पूज्यपादजी का उल्लेख मिलता है । 'वैद्यसार' के समान इसमें भी रसों की ही बहुलता है। हाँ, चूर्ण, घृत, लेप, तैल, गुटिका, अंजन आदि का भी थोड़ा-थोड़ा समावेश है। प्रति बहुत शुद्ध होने से वे प्रयोग इस 'वैद्यसार' में गर्भित नहीं किये जा सके। इनका प्रकाशन दूसरी शुद्ध प्रति की प्राप्ति से ही हो सकता है । यों तो 'वैद्यसार' की प्रति भो अशुद्ध ही रही । फिर भी यत्र-तत्र यह ठीक कर ली गई है। इस संग्रह का नाम ‘वैद्यसार' इस आधार पर रखा गया है कि इसकी हस्तलिखित मूल प्रति यही नाम अंकित था । वैद्यसार के संपादन एवं अनुवाद के संबंध में मैं अपनी ओर से कुछ भी न कह कर इसके गुणदोषों की जाँच का भार विज्ञ पाठकों को ही सौंप देता हूँ । I अन्त में निःस्वार्थ भाव से केवल साहित्यसेवा की भावना से इस प्रन्थ का अनुवाद तथा संपादनकार्य को संपन्न करनेवाले सुयोग्य वैद्य, आयुर्वेदाचार्य श्रीमान् पं० सत्यंधरजी जैन, काव्यतीर्थ, छपारा एवं मेरी प्रार्थना को सहर्ष स्वीकार कर इसके लिये पाण्डित्यपूर्ण भूमिका लिखनेवाले सुविख्यात वैद्यराज, वैद्यरत्न श्रीमान पं० कन्हैयालालजी, आयुर्वेद भूषण, कानपुर को मैं प्रकाशक की ओर से हृदय से धन्यवाद देता हूँ, जिन्होंने प्रन्थ संशोधन में भी पर्याप्त सहायता की है । वास्तव में उपर्युक्त विद्वानों के सहयोग के विना यह गुरुतर कार्य इतना सुन्दर संपन्न नहीं हो सकता था । वीर सं० २४६८, माघ शुक्ल १० Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat ० भुजबली शास्त्री www.umaragyanbhandar.com
SR No.035294
Book TitleVaidyasara
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSatyandhar Jain
PublisherJain Siddhant Bhavan
Publication Year1942
Total Pages132
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy