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वि० सं० १९९८
देवकुमार - प्रन्थमाला का चतुर्थ पुष्प
वैद्यसार
अनुवादक तथा सम्पादक : आयुर्वेदाचार्य पं० सत्यंधर जैन, काव्यतीर्थ
प्रकाशक :
निर्मलकुमार जैन, मंत्री जैन - सिद्धान्त-भवन
धारा
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मूल्य : बारह आना
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