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सामायिक व्रत
सामायिक व्रत, श्रावक के बारह व्रतों में से नवाँ और
" श्रावक के चार शिक्षा व्रतों में से पहला है। यह व्रत, पाँच मूल और तीन गुण ऐसे आठ व्रतों को विशुद्ध रखने एवं आत्मज्योति प्रकटाने की शिक्षा प्रदान करता है, इसीलिए इस व्रत की गणना चार शिक्षा व्रत में की गई है। आत्मा में प्रदीप्त विषय-कषाय की आग को शान्त करके आत्मा को पवित्र बनाने एवं बन्धन रहित करने के लिए सामायिक व्रत मुख्य साधन है । इस व्रत के आचरण से आत्मा में परम शान्ति प्राप्त होती है। इसलिए सांसारिक उपाधियों से समय बचाकर इस व्रत के आचरण में जितना भी अधिक समय लगाया जा सके, उतना ही अच्छा है।
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