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मानवता की पगडंडी .
भावानुवादक : न्याय, व्याकरण, काव्यतीर्थ मुनिराज श्री पूर्णानन्द विजयजी
( कुमार श्रमण ) 卐
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शेष विद्या प्रकाश
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संग्राहक :
पं. शेषमल राजमलजी
सत्तावत,
बीजापुर (राजस्थान )
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