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________________ [ २७ ] ७८ वरामपुर टेशन उतरना सहर को० २ है ध० म० भ० के १८ है १-७८ यहां २३वें भ०का मं० मनमोहनजीका तीर्थ प्राचीन चमकारौहे ओर काष्टका पहाड़ श्रीसमेतशिखरजीका बड़ा मनोहर यन्त्र संयुक्त चमत्कारीक बनाहै यहांसे रेलपर खंडुवे जाना मौ०३६मा०॥) ७८ खंडवा जंक्शन ष्टेशनमें उतरना वहांसे बहोत रेलको लैनहै यहांसे दूसरी रेल में बैठकर इन्दौर जाना। मोल ८६ मासूल ) ८. इन्दौर टेशन उतरना सहरहै ध• मं० भ० के सराफे बजारमें हैं यहांसे खुसको रस्ते को० ४० जाना सवारी सब जाती है। १-८० धार सहरहै ध० म० भ० के हैं सोनेकी मूर्ती बडी मूलनायकजीको है और स्थान प्राचीन वादसाही वखतके बहोत बने हैं यहांसे खुसको को० १२ जाना सवारी बैलगाड़ी वगैरा जाहै। २-८० मांडौगढ़का पहाड़ है तीन बले करके खाइ समेत कोल्ले मुजब घेराहै उस खाइमें चीत्रावेल है उपर बसतो बजार है जिनस मिले हैं वहां भैसा साहका बनाया मं० १ गुंमजका बड़े विस्तारमें हैं १६ वें भ० को मूर्ती सोने को बड़ी मूलनायकजीको है अनेक स्थान वादसाही बहोत लागतके बने हैं यहांसे पौछ. उसौ रस्ते धार आके इन्दौर जाना ॥ यहांसे रेलपर फतहाबाद जाना मौ० २५ मा० ) ८१ फतहावाद जंक्शन टेशन उतरकर दूसरी रेल में बैठकर उज्जैन जाना। मौल १४ मासूल) ८२ उज्जैन टेशन उतरना सहरहै प्राचीन स्थान पहाड़ों पर वा सहर में बहोत है शास्त्र में इसको ऐवंतीका नगरौ कहाहै ध० म० भ०के हैं १-८२ यहां ऐवंतोजीका तीर्थ २३ वें भ० का मं० है श्रौप्राचार्य महाराजने जमौनमेंसे कल्याण मंदिर स्तोत्र नवीन रचमा करके प्रगट करौथी मूर्ती विक्रमादौत्वको १८ राना समेत प्रतिवोध देने Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.035250
Book TitleSarv Tirtho Ki Vyavastha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShitalprasad Chhajed
PublisherShitalprasad Chhajed
Publication Year1893
Total Pages42
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
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