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________________ [ २२ ] अद्भूतवावा पांचे पाडव १६ वें भ० का टुंक मरुदेवौ माताका टुंक। ६-६२ खरतर वसहीमें चौमुखजी महाराजका मंदिर वीसाल है और मं० बहोतसे हैं हजारों मूर्ते चरण विराजमान है प्राचीन वसहौहै ७-६२ यह तीर्थ पहाड़ सास्वताहै ऐसौ रचना दूसरी जगे नहीं है हजारों मंदिरजौ हजारों मूरते विराजमान है चरणों की संख्या नहीं है अनगिणति द्रव्य लगाहै बडी भारी सोभा महिमा तीर्थराज कोहै चमत्कारीक एक एक कंकर पुजनीकहै लिखने को सकती नहीं अन्य होजाय पर कोटेके वाहर आनेसे इंगारस्याह पौरको स्थापनाहै यह साधर्मी है तीर्थको रख्या करोथौ औरंगजेव वादसाके अनरथके बखतमें इसे स्थापनाहै श्रीसंघ भगती करे हैं दस्तुरहै यहांसे पीछे सहर में आयके बैलगाडीपर जाना पालीतानेसे खुसको रस्ते को०१२। ८-६२ महुवादाठा गांव है जिनिस सब मिले हैं ध० म० भ० के पहाड़परहै तीर्थ इसको वो कहते हैं यहांसे पीछे पालौताने जाना। यहांसे खुसको रस्त सोनगड जाकर सीहोर जाना मी० ५ मा० । ६३ सौहोर टेशन उतरना सहरहै ध० म० भ० के हैं। यहांसे भाव नगर रेलपर बैठकर जाना ॥ मी० १३ मामूल) ----→०-- ६४ भावनगर टेशन उतरना सहरहै ध० म० भ० के हैं यहांसे खुस को रस्ते बैलगाड़ी पर जाना। १-६४ घोघाबंदर जाना सहरहै ध० मं० २३ वें भ० नवखंडेजीका तीर्थ प्राचीन प्रसिद्ध है पीछा भावनगर आके को० ८ जाना खुसकी २-६४ तलाजा गांव जाना सहरहै ध० म० भ० काहै पासमें १ पहाड़ है तालध्वजगौरी उसपर मं० भ० काहै यहांसे को० २ जाना ३-६४ डाठा गांव जाना सहरहै ध० मं० १६ में भ• का प्राचीन तीर्थ है यहांसे खुसको रस्ते को०८ जाना। Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.035250
Book TitleSarv Tirtho Ki Vyavastha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShitalprasad Chhajed
PublisherShitalprasad Chhajed
Publication Year1893
Total Pages42
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
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