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[ 2 ] कल्या० ४ च० ज० दि० ज्ञा० भयाहै बजारहै राजा वकराजका घाट प्रसिद्धहै यहांसे को० ३ जाना खुसको रस्ते सवारी जाती है । ३-१८ श्रीसोंघपुरजी तीर्थ है ग्राम है। ध० है मं० भ० काहै ११ में भ० के कल्या० ४ च० ज० दि० ज्ञा० भये हैं वहांसे को० ४ जाना ४-१८ श्रीचंद्रवतीजी तीर्थ है ग्राममें ध० है गंगाजीके उपर मं० भ० का है ८ में भ० के कल्या० ४ च० ज० दि० ज्ञा० भयाहै यहां से पौछे बनारस आना को० ७ है १ दीनमें ४रों तीर्थ हो जाते हैं तथा रातको भी रहते हैं ।३ दिनमें करते हैं ॥ यहांसे अबध रेल पर बैठकर अयोध्याजी जाना। मोल ११८ मासूल १mom
२० अयोध्या टेसन उतरना सहर को० १ है रातको ष्टे सनके पास बजारमें सरांय है वहां रहना होय है दिनमें सहर जाते हैं रस्ते में जंगल पड़ताहै इसे डरहै हरतरोंका कटरा महलेमें ध० म० भ० का है यहां कल्या० १८ पांच भ० के भये है इसको शास्त्र में विनीता नगरी तीर्थ कहते हैं इस मुजब भ० के कल्या० भये है मो० ४ मा०) १ ले भ० के कल्या० ३ च० ज० दि० भएहैं। २ रे भ. के कल्या. ४ च० ज० दि० ज्ञा० भएहै। ४थे भ० के कल्या० ४ च० ज० दि. ज्ञा० भएहै। ५ में भ० के कल्या० ४ च० ज० दि० ज्ञा० भएहैं । १४ में भ० के कल्या० ४ च० ज० दि० जा० भएहै। यहांसे खुसको रस्ते को०२ फैजाबाद जाना सड़क है सवारी मिले हैं
२१ फैजाबाद जंक्शन टेसन सहरहै वहां ध० मं० भ० का है यहांसे खुसको रस्त सावथो जाना सड़कहै सवारी सब जातीहै गोंड होकर रस्ताहै खुसको को० ३० है। १-२१ सावधानगरी तीर्थ शास्त्र में कहा हैं अब उसको खेटमेट
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