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________________ व्यत्यस्त-रेखा-शब्द-पहेली . MAHuimum TUMHITA KA ६००) शुद्ध पूर्ति ४००) न्यूनतममशुद्धियों पर पारितोषिक नियम :-(१) वर्ग नं० ६ में निम्नलिखित पारि- भी एक ही लिफ़ाफ़े या पैकेट में भेजी जा सकती हैं । तोषिक दिये जायँगे । प्रथम पारितोपिक-सम्पूर्णतया शुद्ध मनीआर्डर व वर्ग-पूर्तियाँ 'प्रबन्धक, वर्ग-नम्बर ६, इंडियन पूर्ति पर ६००) नक़द । द्वितीय पारितोषिक-न्यूनतम प्रेस, लि०, इलाहाबाद' के पते से पानी चाहिए। अशुद्धियों पर ४००) नकद । वगानमाता की पूति से, (५) लिफ़ाफ़े में वर्ग-पूर्ति के साथ मनीआर्डर की जो मुहर बन्द करके रख दी गई है, जो पूर्ति मिलेगी वही रसीद या प्रवेश-शुल्क-पत्र नत्थी होकर अाना अनिवार्य है। सही मानी जायगी। रसीद या प्रवेश-शुल्क-पत्र न होने पर वर्ग-पूर्ति की जाँच (२) वर्ग के रिक्त कोष्ठों में ऐसे अक्षर लिखने चाहिए न की जायगी। लिफ़ाफ़े की दूसरी ओर अर्थात् पीठ पर जिससे निर्दिष्ट शब्द बन जाय । उस निर्दिष्ट शब्द का संकेत मनीअार्डर भेजनेवाले का नाम और पूर्ति-संख्या लिखनी अङ्ग-परिचय में दिया गया है। प्रत्येक शब्द उस घर से अावश्यक है। प्रारम्भ होता है जिस पर कोई न कोई अङ्क लगा हुआ है (६) किसी भी व्यक्ति को यह अधिकार है कि वह और इस चिह्न (.) के पहले समाप्त होता है। अङ्क-परिचय जितनी पूर्ति-संख्यायें भेजनी चाहे, भेजे । किन्तु प्रत्येक में ऊपर से नीचे और बायें से दाहनी ओर पढे जानेवाले वर्गपूर्ति सरस्वती पत्रिका के ही छपे हुए फ़ार्म पर होनी शब्दों के अङ्क अलग अलग कर दिये गये हैं, जिनसे यह ___ चाहिए । इस प्रतियोगिता में एक व्यक्ति को केवल एक ही पता चलेगा कि कौन शब्द किस अोर को पढ़ा जायगा ।। इनाम मिल सकता है । वर्गपूर्ति की फ़ीस किसी भी दशा __(३) प्रत्येक वर्ग की पूर्ति स्याही से की जाय । पेंसिल में नहीं लौटाई जायगी। इंडियन प्रेस के कर्मचारी इसमें से की गई पूर्तियाँ स्वीकार न की जायँगी । अक्षर सुन्दर, भाग नहीं ले सकेंगे। सुडौल और छापे के सदृश स्पष्ट लिखने चाहिए। जो अक्षर पढ़ा न जा सकेगा अथवा बिगाड़ कर या काटकर (७) जो वर्ग-पूर्ति २५ जनवरी तक नहीं पहुँचेगी, जाँच दूसरी बार लिखा गया होगा वह अशुद्ध माना जायगा। - में नहीं शामिल की जायगी । स्थानीय पूर्तियाँ २५ ता० को पाँच बजे तक बक्स में पड़ जानी चाहिए और दूर के स्थाना (४) प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए जो फीस वर्ग के ऊपर छपी है दाखिल करनी होगी। फ़ीस मनी- (अर्थात् जहाँ से इलाहाबाद डाकगाड़ी से चिट्ठी पहुँचने में आर्डर द्वारा या सरस्वती-प्रतियोगिता के प्रवेश-शुल्क-पत्र । २४ घंटे या अधिक लगता है) से भेजनेवालों की पूर्तियाँ २ (Credit voucher) द्वारा दाखिल की जा सकती है। दिन बाद तक ली जायँगी। वर्ग-निर्माता का निर्णय सब इन प्रवेश-शुल्क-पत्रों की किताबें हमारे कार्यालय से ३) या __ प्रकार से और प्रत्येक दशा में मान्य होगा। शुद्ध वर्ग-पूर्ति ६) में खरीदी जा सकती हैं। ३) की किताब में आठ आने की प्रतिलिपि सरस्वती पत्रिका के अगले अङ्क में प्रकाशित मूल्य के और ६) की किताब में ११ मूल्य के ६ पत्र बँधे होगी, जिससे पूर्ति करनेवाले सज्जन अपनी अपनी वर्ग-पति हैं। एक ही कुटुम्ब के अनेक व्यक्ति, जिनका पता- की शुद्धता अशुद्धता की जाँच कर सकें। ठिकाना भी एक ही हो, एक ही मनीआर्डर-द्वारा अपनी (८) इस वर्ग के बनाने में 'संक्षिप्त हिन्दी-शब्दसागर' अपनी फ़ीस भेज सकते हैं और उनकी वर्ग-पूर्तियाँ और 'बाल-शब्दसागर' से सहायता ली गई है। ८१ Shree Sudhareswei Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.035249
Book TitleSaraswati 1937 01 to 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevidutta Shukla, Shreenath Sinh
PublisherIndian Press Limited
Publication Year1937
Total Pages640
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
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