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संख्या ६]
सम्पादकीय नोट
आयलैंड का नया रूप
पद का कार्य प्रेसीडेंट करेगा, जो ७ वर्ष के लिए चुना. " _ आयलैंड मिस्टर डी वेलरा के शासन में विचित्र ढंग जायगा और जो राजनैतिक दलबन्दी से परे रहेगा। से अँगरेज़ी साम्राज्य से अलग-सा होता जा रहा है । सन् (२) पुरानी सीनेट सभा के स्थान पर ६० सदस्यों की एक १९२१ में अायलैंड के विद्रोही सिनफ़िन-दल के लोगों से नई सभा स्थापित की जायगी। इसके ११ सदस्य प्रधानअँगरेजी सरकार की जो सन्धि हुई थी उसके अनुसार उत्तरी मंत्री मनोनीत करेगा और शेष जनता-द्वारा चुने हुए श्रायलेंड को छोड़कर शेष अायलेंड का 'फ्री स्टेट' नाम का होंगे। (३) आयरिश-भाषा राज्य की सरकारी भाषा होगी एक नया राज्य बनाया गया था और उसे अात्म-शासन-प्राप्त और राष्ट्रीय झंडा हरा, सफ़ेद और नारजी' इन तीन रंगों राज्य का दर्जा दिया गया था । परन्तु डी वेलरा ने अपने का होगा । (४) तलाक के कानून में सुधार होगा जिससे शासन काल में फ्री स्टेट के शासन-विधान में ऐसे परिवतन तलाक़ दिया जाना कानून से सम्भव न होगा। (५) फ्री कर दिये हैं कि उसका अब दूसरा ही रूप हो गया है, स्टेट का नाम अायर (Eire) होगा। जिससे 'फ्री स्टेट' 'डोमिनियन' न रहकर बहुत कुछ इन बातों से यही प्रकट होता है कि डी वेलरा साम्राज्य 'प्रजातन्त्र-राज्य' बन गया है। और इधर जब से सम्राट के भीतर रहते हुए एक सर्वतंत्र स्वतन्त्र प्रजातंत्र की स्थापना अष्टम एडवर्ड ने सिंहासन का त्याग किया है तब से तो करने जा रहे हैं और वे यह सब काम दिन-दोपहर लन्दन फ्री स्टेट की सरकार की विलगता का भाव और भी स्पष्ट से कुछ ही अन्तर पर रहते हुए अँगरेज़ी साम्राज्य के हो गया है। सिंहासन-त्याग-सम्बन्धी कानून के ब्रिटिश सूत्रधारों की जानकारी में कर रहे हैं। उनके इस साहस पार्लियामेंट में पास करने के पहले उस सम्बन्ध में अन्य और सफलता का मूल कारण यह है कि उनके पीछे उनके डोमिनियनों की सरकारों के साथ श्रायरिश फ्री स्टेट की राष्ट्र का बल है। . सरकार से भी अँगरेजी सरकार ने सलाह ली थी। उस समय प्रधान मंत्री डी घेलरा ने यह उत्तर दिया था कि पूर्वी योरप का नया संगठन : हम अपने यहाँ अपनी डेल (पार्लियामेंट) की बैठक करने. इस समय योरप में जो कुछ हो रहा है उससे यह बात
जा रहे हैं, जिसमें उस सम्बन्ध में आवश्यक कानून पास पूर्णतया स्पष्ट हो गई है कि योरप में अब कोई किसी का करेंगे । फलतः उन्होंने हाल में दो कानून पास किये हैं। धनी-धोरी नहीं रहा। एक राष्ट्र-संघ था सो अबीसीनिया के प्रतिक के अनुसार फी स्टेट के भीतरी मामलों में अब बादशाह मामले ने उसका दिवाला निकाल दिया। यही कारण है
का नाम नहीं प्रयुक्त किया जाया करेगा, साथ ही गवर्नर- कि योरप के बड़े राष्ट्रों को छोड़कर और सभी राष्ट्र अपने जनरल का पद भी तोड़ दिया गया। भविष्य में गवर्नर- भविष्य की चिन्ता से अाकुल-व्याकुल हैं। यहाँ तक कि जनरल की जगह डेल के प्रेसीडेंट डेल की बैठक बुलाया जिस बेल्जियम की रक्षा की गारंटी फ्रांस और ब्रिटेन जैसे करेंगे तथा उसे स्थगित किया करेंगे। इसके सिवा बिलों महान् राष्ट्र दिये हुए थे उसने भी अपने उन संरक्षकों से पर भी वही हस्ताक्षर किया करेंगे । गवर्नर-जनरल का शेष नमस्कार कर लिया है और अपनी रक्षा के लिए वह कार्य कार्यकारिणी के प्रेसीडेंट किया करेंगे। दूसरे कानून अपने पैरों खड़ा होना मुनासिब समझता है। बेल्जियम के द्वारा बाहरी कार्यों के सम्बन्ध में यह व्यवस्था की गई की तरह स्वीज़लेंड, हालेंड, डेन्मार्क आदि राष्ट्र भी चिन्तित है कि कार्यकारिणी के परामर्श के अनुसार ब्रिटिश साम्राज्य तथा सतर्क है । परन्तु इनकी अपेक्षा विकट समस्या है के बादशाह अन्तर्राष्ट्रीय समझौते तथा राजदूतों आदि की पूर्वी योरप की, जहाँ के राष्ट्र अपने लिए एक पृथक् संघ नियुक्ति आदि का कार्य किया करेंगे। अब वहाँ की की रचना कर रहे हैं। वे इस बात से पहले से ही पार्लियामेंट का नया निर्वाचन होने जा रहा है। अतएव डर रहे हैं कि अगले युद्ध में जर्मनी का पैर पूर्वी योरप की प्रधान मंत्री डी वेलरा ने शासन-विधान में क्रान्तिकारी ओर ही बढ़ेगा, और उस दशा में आस्ट्रिया और हंगेरी भी परिवर्तन करने की घोषणा की है, जो इस प्रकार है-- अपनी-अपनी पहले की सीमायें प्राप्त करने के लिए उत्साहित (१) गवर्नर-जनरल का पद तोड़ दिया जायगा और उनके होंगे। यह एक स्पष्ट बात है और पूर्वी योरप के जो राज्य
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