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संख्या ६]
एज्युकेशन कोर्ट
कायों के विभाग में इन प्रान्त के बालिका विद्यालयों के काय का अनुपम प्रदशन था। उनके देखने से मालूम होना था कि हमारी कन्यायों में कितनी प्रतिभा है । इसी प्रकार बालक-बालिकानों की चित्रकला के नाने भी अपय थे और इस बान के प्रमाग थे कि हमारे बालकों में कलासम्बन्धी कितने ऊँचे दर्जे की प्रतिभा है। एज्युकेशन कोर्ट का अवलोकन समात कर बाहर पाने के कुछ [एज्युकेशन कोर्ट में युक्तप्रांत की बालिकाओं के हस्तकौशल का प्रदर्शन।। पहले तसवीरों को एक
(छत के नीचे काले चित्रों की माला देखने योग्य थी।) पंक्ति प्राचीन काल से लेकर वर्तमान समय तक की शिक्षा-प्रगति को प्रदर्शित करती थी। भारतीय शिक्षा के इस चित्रमय इतिहास का संग्रह
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इतिहास-विभाग में अशोक के भारत और ब्रिटिश भारत का तुलनात्मक नक्शा ।]
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