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________________ संख्या ६] ला हावर ५५१ अतिरिक्त किसी पत्र को देखने का सौभाग्य नहीं हुश्रा था । मडेरा में पार्चुगीज़ पत्र मिलते थे, जिन्हें मैं पढ़ नहीं सकता था। अतः टाइम्स की एक प्रति प्लीमाउथ में खरीदी । इसी पत्र-द्वारा प्रथम बार युक्तप्रान्त के भूतपूर्व शिक्षा-विभाग के डायरेक्टर मिस्टर मेकेन्जी की मृत्यु का समाचार मिला। ____ हमारा जहाज़ प्लीमाउथ में मुश्किल से २-२॥ घटे ठहरा । अब ला हावर की ओर चल पड़ा । हावर जानेवाले भी कई यात्री थे, जो प्रायः फ्रेंच थे । कुछ ऐसे भी थे, जो इटली और स्विट्ज़लैंड जानेवाले थे। इन लोगों [ला हावर का गम्बेटा स्क्वायर ।] का विचार हावर उतरकर पेरिस होते हुए अपने अपने देशों का जाने का था। हावर के पश्चात् एम्सटर्डम ही फ्रांस देश के इस भाग के किनारे किनारे चलते कुछ जाकर जहाज़ को रुकना था। इसलिए यात्रियों की संख्या समय बीत चुका था । दूर से ही ला हावर की धुंधली रूपरेखा घटनी स्वाभाविक थी। दिखलाई पड़ने लगी। जहाज़ जिस क्रम से आगे बढ़ता यदि योरप के नकशे में ला हावर की स्थिति को देखें था उसी क्रम से एक अाकाश को छूनेवाला ऊँचा-सा तो उत्तर-पश्चिम के सिरे पर उठे हुए एक भु-भाग का स्तम्भ दिखलाई पड़ता था। पूछने पर मालूम हुआ कि टुकड़ा दिखलाई देगा। यह भाग मीलों तक चला गया है। वह विश्व-विख्यात फ्रेंच जहाज़ नारमण्डी के टिकने की आगे चल कर तीन अोर से घिरा हुअा स्थान है जो हावर जगह है। फ्रांसीसियों ने विजय-गर्व के उल्लास में इस को एक उच्च कोटि के बन्दरगाह का रूप देता है। प्रातः- स्तम्भ की रचना की है। काल का समय था। जहाज़ इंग्लिश-चैनल को पार कर ला हावर फ्रांस का दूसरे नम्बर का बन्दरगाह इसी भू-खण्ड के पास होकर जा रहा था। तट पहाड़ी है। है। सर्वप्रथम मार्सेल है। उसकी स्थिति भूमध्य-सागर में इन ऊँचे स्थानों पर सैकड़ों मकान बने हुए हैं। जहाँ होने के कारण पूर्वी देशों से व्यापार आदि के लिए अधिक यह ऊँचा भाग प्रारम्भ होता है वहीं सिरे पर लाइट सुविधाजनक है । पर अटलांटिक महासागर के व्यापार के हाउस है। जो भी जहाज़ रात्रि के समय इंग्लिश चैनल से लिए ला हावर ही अधिक प्रसिद्ध है। अमरीका जानेवाले हावर की ओर बढ़ता है उसे पहले इसी का दर्शन होता है। जहाज़ यहीं लगे रहते हैं । नारमण्डी का फ़ांस और अमरीका के बीच आना-जाना लगा रहता है। इसी से इस विशाल पोत की स्थिति यहीं रहती है। प्राकृतिक दृष्टि से हावर बहुत सुरक्षित बन्दरगाह है। इंग्लिश-चैनल में बराबर तूफ़ान उठा करते हैं । पर तीनों ओर से पृथ्वी से घिरा होने के कारण हावर के पास तूफ़ान की आशंका नहीं रहती। जहाज़ के तट पर लगते ही हावर नगर देखने की योजना हुई। १०-१२ श्रादमियों की एक पार्टी बन गई । इनमें ३-४ बच्चे भी थे। २ टैक्सियाँ किराये पर कर ली गई और हम लोग शहर के भीतर दाखिल हुए। जिस समय जहाज़ तट पर लगा था उस समय धूप [बालवाद दे स्त्रासबर्ग । फ्रांस और बेल्जियम हाथ । थी। पर मुश्किल से थोड़ी दूर शहर के भीतर गये होंगे कि मिला रहे हैं ।] अाकाश मेघाच्छन्न हो गया और बूंदे पड़ने लगीं । फ्रांस Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.035249
Book TitleSaraswati 1937 01 to 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevidutta Shukla, Shreenath Sinh
PublisherIndian Press Limited
Publication Year1937
Total Pages640
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
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