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________________ ४४२ सरस्वती [ भाग ३८ A Ana BANDRED कमारा दे लोबस में मछली मारनेवालों के घर तथा समुद्र तट अटलांटिक महासागर के समस्त द्वीपों में मडेरा दोनों आमने-सामने बैठे थे। अापस में कुछ बात चीत शराब के लिए बहुत प्रसिद्ध है। यहाँ अंगूर कसरत से प्रारंभ हुई। ज्यों-ज्यों सुरादेवी का मादक नृत्य यौवन को पैदा होता है। उसकी एक विशेष प्रकार की शराब तैयार प्राप्त होता जाता था, त्यों-त्यों इन फौजी महादयों की शिष्टता की जाती है, जिसे 'मडेरा-वाइन' कहते हैं। शराब पीनेवाले और लज्जा भी शरीर से खिसक रही थी। देखते ही देखते इसकी बड़ी प्रशंसा करते हैं। हमारे जहाज़ के बहुत-से छुरियों और काँटों के दूसरे ही रूप से उपयोग की नौबत लोग फन्चल के होटलों और शराब की दुकानों में सुरा- अापड़ी। इतने में ही स्टुअार्ड ने उन्हें शान्त करने की पान कर रहे थे । सस्ती शराब होने के कारण यात्रा के चेष्टा की, पर सफल न हुअा। तब चीफ स्टुअार्ड ने मामले लिए बोतलें भी खरीद रहे थे। मडेरा की शराब अन्य को शान्त किया। यह काण्ड इस बात के लिए पर्यास था देशों को भेजी जाती है। कि ये दोनों सिपाही कप्तान के पास रिपोर्ट करने पर मुग्र___ मध्याह्न के समय एक छोटी-सी दुर्घटना हो गई। त्तल कर दिये जाते। पर दयालु हृदय कर्मचारियों ने हमारे जहाज़ में हालैंड जानेवाले दो फौजी सिपाही थे। आपस में ही मामले को दबाकर उनकी रक्षा की। दोनो ही डच थे और पैरामारिबो में ही नौकर थे। छुट्टी मडेरा का मुख्य व्यवसाय शराब, बालू और प्याज़ लेकर स्वदेश जा रहे थे। फौजी सिपाही यों ही शराब है। शराब के विषय में लिख ही चुका हूँ तू और प्याज अधिक पीते हैं, फिर यदि कहीं सस्ती शराब मिल जाय तो की भी उत्पत्ति अच्छी मात्रा में होती है । पश्चिमीय द्वीपफिर क्या पूछना है। फुन्चल में इन लोगों ने मुरा से पुञ्ज और दक्षिण अमेरिका के उत्तरी भाग में जहाँ-जहाँ अपनी पूरी ममता दिखलाई थी । कालान्तर में उसका मुझे जाने का अवसर मिला, मदेरा के ग्रालू और प्याज़ गुबार निकलना स्वाभाविक था। डाइनिङ्ग-हाल में ये मिले। इन देशों में बालू न होने के कारण योरप और Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.035249
Book TitleSaraswati 1937 01 to 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevidutta Shukla, Shreenath Sinh
PublisherIndian Press Limited
Publication Year1937
Total Pages640
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
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