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सरस्वती
[ भाग ३८
[मडेरा का समुद्र-तट, धूप-स्नान का दृश्य हेग हालैंड का प्रसिद्ध शहर है। इसी स्थान पर उसके हृदय में भारतीय धर्म और संस्कृति की जानकारी हालेंड की महारानी रहती हैं। एम्सटर्डम में केवल एक के लिए अनुराग उत्पन्न हो गया था। बार वर्ष भर में ग्राती है। हेग का महत्व अन्तराष्ट्रीय बातों के सिलमिले में उसे गीता यादि के सम्बन्ध में न्यायालय होने से श्रीर भी बढ़ गया है।
भी कुछ बतलाया और दूसरे दिन कुछ चुनी हुई भारतीय कुछ समय तक साधारण विषयों पर चर्चा होती रही। पुस्तकों के नाम नोट करा दिये। डच और जर्मन-भाषा युवक की बोल-चाल की भाषा इच थी। अँगरेजी में भले प्रकार जानने के कारण युवक को उन पुस्तकों के बोलने का अभ्यास न होने के कारण त्रुटि और स्खलन अनुवाद समझने में कठिनाई नहीं हो सकती थी। बातहोना स्वाभाविक था। उस युवक में एक विशेष बात देखने चीत करते अधिक समय व्यतीत हो गया था। अतः को मिली: वह थी उसका भारतीय दर्शन के प्रति प्रेम। हम लोग अपने केविन में विश्राम के लिए चले गये । पूछ-ताछ से ज्ञात हुया कि डच भाषा में अनूदित कुछ जहाज़ में प्रथम दिन इस प्रकार कटा। नित्य प्रति भारतीय पुस्तकों को देखने का उसे सौभाग्य प्राप्त हुया कुछ व्यक्तियों से जिनमें वह नवयुवक भी था, वार्तालाप था। थियोसोफी का प्रचार हालेंड में अच्छा है। लीडेन में समय जाता । वस्तुतः जहाज़-यात्रा का अनुभव व्यापक इसका प्रमुख केन्द्र है। वहीं उस नवयुवक को कृष्णमूर्ति और मधुर होता है। के व्याख्यान सुनने का अवसर मिला था। उसी समय से संसार में अटलांटिक महासागर सबसे अधिक गहरा
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