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________________ फिलिपाइन की स्वतंत्रता लेखक, श्रीयुत रामस्वरूप व्यास शान्त महासागर में असंख्य छोटे छोटे द्वीपसमूह हैं। पर फिलिपाइन को इस स्वतंत्रता के प्रश्न ने फिलिपा1 उनमें स. ७,०८३ द्वीपों का एक समूह फिलिपाइन इनवासियों के लिए नई आथिक और राजनैतिक समस्यायें द्वीपों के नाम से प्रसिद्ध है। १८९८ से पहले यह स्पेन के खड़ी कर दी हैं, जो बड़ी विकट दिखाई देती हैं । इनमें अधिकार में था, पर बाद में अमरीका के संयुक्त राज्यों ने सबसे पहला प्रश्न जापान के सम्बन्ध का है। स्पेन से युद्ध करके इसे छीन लिया। इस युद्ध के पहले जापान आधुनिक समय के उन्नतिशील राष्ट्रों में है। से फिलिपाइनवासी स्वतंत्र होना चाहते थे और जब उसने भो योरप के साम्राज्यवाद के सिद्धान्त को अपनाया सयुक्त राज्य के अधिकार में आ गये तब उन्हें अपने प्रयत्न है, जब सिवा एक या दो राष्ट्रों को छोड़कर सभी योरपीय से विरत होना पड़ा। हाँ. बाद में उन्हें स्वतंत्र कर देने राष्ट्र साम्राज्य की इच्छा नहीं करते और कुछ के लिए तो को इच्छा सयुक्त राज्य ने भी प्रकट की। संयुक्त राज्य के निश्चय ही यह प्रश्न भार-स्वरूप सिद्ध हो रहा है। ऐसे समय पास कोई भी उपनिवेश नहीं था। फिलिपाइन ही एक में कुछ सच्चे और कुछ झूठे वादों से प्रेरित होकर ऐसा द्वीप-समह था जो उसका उपनिवेश कहा जा सकता जापान का उठता हुअा राष्ट्र 'जापान-साम्राज्य' का स्वप्न था और जिसे उसने दूसरे योरपीय राष्ट्रों की तरह अपने देखता है । यह ठीक है कि प्रौद्योगिक राष्ट्र होने के कारण आधिपत्य में रख छोड़ा था। परन्तु संयुक्त राज्य की सरकार और उसके द्वीपों में वहाँ की बढ़ती हुई जन-संख्या के . की धारणा इस विषय में बिलकुल भिन्न थी। वह दूसरी लिए कम जगह होने के कारण उसे कच्चे माल के लेने योरपोय जातियों के समान हमेशा ही इस द्वीपसमूह पर और अपनी बढ़ी हुई जन-संख्या को बाहर भेजने की ज़रूरत अपना अधिकार नहीं जमाये रखना चाहती थी। १९१३ पड़ती है। पर हाल की कुछ खोजों के अनुसार यह भी . में वहाँ के प्रसिद्ध प्रेसीडेंट रूज़वेल्ट ने अपनी जीवनी में निश्चित-सा हो गया है कि आर्थिक दृष्टि से साम्राज्य का । एक जगह लिखा है होना कोई नफे की चीज़ नहीं है। ___"हम फिलिपाइन पर फिलिपाइन-निवासियों की जापान फैलना चाहता है और फैल भी रहा है । इधर भलाई के लिए राज्य कर रहे हैं और करते रहे हैं। यदि पिछले वर्षों में उसने मंचूरिया और उत्तरी चीन का कुछ कुछ समय के उपरान्त वे इस प्रकार के राज्य को नहीं चाहेंगे हिस्सा ले लिया है, पर इतने से ही उसकी तृप्ति नहीं हुई तो मुझे विश्वास है कि हम उन्हें छोड़ देंगे। पर जब हम है। अब उसकी दृष्टि फिलिपाइन-द्वीपसमूह पर है और स्वास उन्हें छोड़ेंगे तब यह बात साफ़ जता देंगे कि बाद में हम कर जब से संयुक्त राज्य ने फिलिपाइन को स्वतंत्र कर देने . वहाँ की रक्षा का उत्तरदायित्व बिलकुल न लेंगे।...हम की घोषणा को है, उस समय से इस विचार को लेकर वहां की बातों से बिलकुल ही हाथ धो लेंगे।" जापान में कार्य भी शुरू कर दिया गया है। संयुक्त राज्य ___जिस दिन की यह भविष्यवाणी प्रेसीडेंट रूज़वेल्ट ने के वहाँ से जाते ही वह उस पर अपना दाँत गड़ा लेना की थो वह अब निकट आ गया है। संयुक्त राज्य ने निश्चय चाहता है। कर लिया है कि फिलिपाइनवासी स्वराज्य के योग्य हो अभी जब तक संयुक्त राज्य वहाँ है तब तक राजनैतिक गये हैं। अगले दस वर्ष में उन्हें पूरी स्वतंत्रता देकर दृष्टि से तो कुछ किया नहीं जा सकता। हाँ, आर्थिक दृष्टि संयुक्त राज्य वहाँ से अपना नियंत्रण बिलकुल हटा लेगा। से जापान वहाँ अपने पैर फैला रहा है। जापानियों ने वहाँ यह इतिहास में संभवतः पहला मौका है जब किसी शक्ति- के एक बड़े द्वीप के दो प्रधान व्यवसायों-लकड़ी और शाली राष्ट्र ने अपने अधीनस्थ एक देश को बिना किसी सन-को अपने हाथ में ले रक्खा है। केवल यही नहीं, स्वार्थ के स्वतंत्रता देने की घोषणा की हो। वे तो वहां नई नई चीजें ओर पौधे लाकर बोना चाहते Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.035249
Book TitleSaraswati 1937 01 to 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevidutta Shukla, Shreenath Sinh
PublisherIndian Press Limited
Publication Year1937
Total Pages640
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
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