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कोयटा में प्रलय
लेखक, श्रीयुत धर्मवीर, एम० ए०
har के भूकम्प के पीड़ितों का वर्णन श्रीयुत धर्मवीर जी ने अपने इस महत्त्वपूर्ण लेख में उन्हीं की जबानी दिया है। इससे इस लेख में और भी विशेषता आ गई है। इस लेख के पढ़ने से इस कोयटा के भूकम्प का पूरा इतिहास तो मालूम ही होगा, साथ ही इसका भी बहुत कुछ ज्ञान हो जायगा कि उस महाप्रलय से जो लोग बच सके वे कैसे बच सके और उनकी इस समय क्या दशा है।
ड़ी लाहौर के रेलवे स्टेशन पर
कर खड़ी ही हुई थी कि सबसे पहले सत्रह अठारह बरस की एक युवती उतरी । उसके तन पर एक बनिया इन और धोती थी । बाल खुले हुए थे। सिर में मिट्टी पड़ी
हुई थी। नाक, मुँह और आँखें सूजी हुई थीं। उसके साथ एक बुड्ढा था । प्लेटफार्म पर खड़े लोगों ने वृद्ध पुरुष ar थाम कर डिब्बे से बाहर निकाला। वह जहाँ का तहाँ बैठ गया । अपने दोनों हाथ उसने आगे को फैला दिये। आँखें उसकी गाड़ी की खिड़की में गड़ी हुई थीं। वह चिल्लाया- " हट जाओ ! हट जाओ! भूचाल या रहा है ! चंद्र, चंडू ! उठ, भाग !”
यह कहते हुए वह कभी सिर के बाल नोचता, कभी डाढ़ी के । वह नौजवान लड़की उसके पास बैठी कभी उसके कपड़े सँभालती, कभी अपना तन ढाँकती ।
इतने में स्टेशन की दूसरी तरफ़ से एक अन्य वृद्ध पुरुष आया । उसे देखकर नवयुवती ने बाँहें फैला दीं। वे दोनों एक दूसरे से लिपट गये और फूट-फूट कर रोने लगे ।
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मालूम हुआ कि कमला का ब्याह हुए अभी सिर्फ़ तीन मास हुए हैं। अपने नौजवान पति चंडूलाल और बुड्ढे ससुर के साथ वह कोयटे गई थी । भूचाल आने पर पति मर गया। इस पर लड़के की मौत से बाप पागल ही हो गया । जो मनुष्य बाद में आया वह कमला का पिता
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था। कुछ मास पहले उसने अपनी बेटी को सोहाग की साड़ी पहनाकर भेजा था, परन्तु अब उस लड़की के तन पर सोहाग की फटी हुई धोती भर है।
इस प्रकार की दुःखप्रद घटनायें आज कल लाहौर के रेलवे स्टेशन पर हर रोज़ देखने में आती हैं। कहीं माता बेटे से बड़ गई है तो पत्नी पति से, बहन भाई से बिछुड़ गई है तो लड़की मा से, कराँची से लेकर लाहौर तक और लाहौर से नीचे देहली और ऊपर पेशावर तक जानेवाली लाइनों पर जितने बड़े-बड़े स्टेशन हैं उनमें से लगभग हर एक पर ऐसी हृदयवेधी घटनायें देखने में आ रही हैं।
तीस और इकतीस मई की दर्मियानी रात को ३ बजकर २० मिनट पर कोयटा में भूचाल आया । एक कहता है, का एक मिनट तक रहा; दूसरा कहता है, ये झटके कई मिनट तक आते रहे। ये भूकम्प कोयटा में ही नहीं महसूस हुए, बल्कि उसके इर्द-गिर्द के समस्त प्रदेश में भी । अफ़ग़ानिस्तान के दक्षिण भाग - उदाहरणार्थं कुलात, चमन और कंधार में, सिंध के उत्तर-भागउदाहरणार्थ लड़काना, शिकारपुर, सक्खर आदि में और पंजाब में भी भूकम्प श्राया । इसी समय जहाँ इधर भारत के कई अन्य भागों, उदाहरणार्थ देहरादून और लाहौर में, लोगों ने इसके झटके मालूम किये, वहाँ उधर इंग्लैंड में ही नहीं, बल्कि जापान के ताइचो और शानशेकेा के प्रदेशों में भी इससे लाखों मनुष्य मर गये ।
गत वर्ष बिहार और नैपाल में भूचाल आया था, और ग़ज़ब का श्राया था। लेकिन कोयटा का भूचाल तो
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