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कारी भूकम्प
'बी० ए०, एल-एल० बी०, वकील
घायल । स्टेशन पर घायलों को ले जाने वाली स्पेशल
गाड़ी की प्रतीक्षा कर रहे हैं ।]
[ब्रूसरोड-कोयटा
हमारे इस लेख के लेखक श्रीयुत तिलकराज और जानों की भी काफी हानि हुई है। सरयाब-स्टशन भसीन भी वहाँ गये । इस लेख में अापने कोयटा पर केवल स्टेशन मास्टर ही बचा था जो एक बाजू का अपनी आँखो-देखा हाल लिखा है।
में पट्टी बाँधे लेटफार्म पर दफ्तर लगाये अपने काम में
जुटा हुआ था। सरयाब से कोयटे तक लाइनों के क्षति का तो कोई अनुमान ही नहीं। कई-एकों का अनु- दोनों ओर हृदय-विदारक भूकम्प का नग्न चित्र देखने मान है कि केवल कोयटा नगर के बसाने में ही १ में आया। एक भी मकान अथवा छप्पर ऐसा न था करोड़ से अधिक धन लग जायगा।
जो भूकम्प के प्रकोप से बचा हो। कोयटा-स्टेशन तो जैसे ही हमारी ट्रेन कोलपुर पहुँची, हमें भूकम्प बुरी तरह गिरा हुआ था और बाहर लेटफार्म पर या के जर्जर दृश्य प्रथम दृष्टिगोचर हुए। कोलपुर के तंबुओं में दफ्तर खुले हुए थे। कोयटा शहर को क्षति स्टेशन का एक भाग गिर गया है, किन्तु शहर बिलकुल का अनुमान यहाँ दिये हुए नक़शे से अच्छी तरह लग बच गया है, क्योंकि वहाँ की बहुत-सी इमारतें भूकम्प- सकता है। यह कहना कोई अत्युक्ति न होगी कि प्रूफ हैं। उससे आगे खेज़द-स्टेशन है जो एक कोयटा शहर अब ऐसा प्रतीत होता है, मानो वह पहाड़ी के नीचे विद्यमान है, जिसकी बाबत विशेषज्ञों सदियों से भूगर्भ में सोया हुआ था और हाल में ही का अनुमान है कि इसी ने भूकम्प को जन्म दिया। किसी भूगर्भ-वेत्ता ने उसे खोदकर निकाला है। बाबूखेज़द के स्टेशन और आस-पास की इमारतों को मोहल्ला, शिकारपुरी बाजार,ब्रूस-रोड, कन्धारी बाजार, काफी क्षति पहुंची है। सरयाब-स्टेशन, जिससे पुराना बाबू-मोहल्ला, रामगढ़, इस्लामाबाद, ग्वालमंडी, अगला स्टेशन कोयटा है, बिलकुल नष्ट हो गया है, लिटन-रोड आदि स्थानों में धन-जन की विशेष हानि
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