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________________ सरस्वती [भाग ३६ और भी खराब थी और अब तो कृषि-सम्बन्धी कार्यों के विस्तार के कारण उनमें बहुत कुछ उन्नति हो गई है। इटली ने कृषिसम्बन्धी उपजें अब बाहर से मंगाना बहुत कुछ कम कर दिया है और उसने शराब, चावल, ताजे फल और मुरब्बे बाहर भेजने में यथेष्ट वृद्धि की है। ___इटली में होटलों का व्यय उनकी श्रेणी के अनुसार कम और अधिक [विसूवियस ज्वालामुखी पड़ता है । बहुत-से होटलों में मूल्य के सम्बन्ध में उनसे पूछा कि क्या मुसोलिनी विदेशियों से मिलते हैं? मोल-तोल करना पड़ता है। उन्होंने उत्तर दिया कि आज-कल यह सम्भव नहीं हमारे देश की दूकानों की भाँति वहाँ की दूकानों है, क्योंकि प्रत्येक डिक्टेटर के शत्रु होते हैं और उनके में भी मोल-तोल करने की आवश्यकता पड़ती है। जीवन पर जो पिछला आक्रमण हुआ उससे अब किसी साधारणतया दूसरे दर्जे के अच्छे होटल में ठहरने को उनसे मिलने की आज्ञा नहीं मिलती। इन इटालि- और भोजन का व्यय १० रुपया प्रतिदिन बैठता | यन महोदय ने नगर की सामाजिक स्थिति दिखाने है। भोजन अच्छा होता है और फल यथेष्ट मिलते के उद्देश से अपनी ही ओर से हमसे प्रस्ताव किया। हैं। इटली में संगीत का बहुत प्रचार है और उसका हम मजदूरों के कुछ घर देखने गये। सरकार ने जो संगीत सारे योरप में विख्यात है। नये मकान बनवाये हैं वे अत्यन्त स्वच्छ और सुख- नेपल्स में तीन दिन ठहरने के पश्चात् हम प्रद हैं, परन्तु इन्हें अन्य योरपीय देशों के समकक्ष इटली की फेसिस्ट सरकार की राजधानी-रोम के लिए | लाने के लिए अभी बहुत कुछ करना बाकी है। रवाना हुए । यह यात्रा नेपल्स से केवल ६ घंटे के दक्षिणी इटली के मज़दूर श्रेणी के लोग उतने साधन- लगभग की होने के कारण सुखप्रद प्रतीत हुई । यहाँ सम्पन्न नहीं हैं, जितने उत्तरी प्रान्तों के मज़दूर इटालियन टूरिस्ट कम्पनी का एजंट हमें मिला और हैं। खैर, मेरे मित्र ने बतलाया कि पहले उनकी स्थिति शहर के बीच में हमें एक अच्छे होटल में ले गया। Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.035248
Book TitleSaraswati 1935 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevidutta Shukla, Shreenath Sinh
PublisherIndian Press Limited
Publication Year1935
Total Pages630
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
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