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JODHINJAHA -
[हर एक मुताफ़िर बहुरूपिया बन कर पाया
पानी में लाइफ-बुअाय (कार्क की पेटी) तैर रही थी। भी हो जाती। ख़ासकर उस समय जब नीचे समुद्र समझ गया कि कोई मनुष्य डूब गया है। जंगले के में कार्क की पेटी के पास किसी चीज़ के उभरने पास एक भारतीय महिला या सम्भवतः लंका की का ख़याल पैदा होता। इतने में जहाज का रुख बदल रहनेवाली स्त्री रो रही थी। बीच-बीच में वह चुप गया। पहले वह सीधा जा रहा था, अब बाई तरफ़