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________________ सरस्वती आक्टोबर १९३५ आश्विन १६६२ भाग ३६, खंड २ संख्या ४, पूर्ण संख्या ४३० सम्पादक देवीदत्त शुक्ल, श्रीनाथसिंह SUNDRANIMUIDINill with भाई परमानंद ग्रार स्वराज्य नेहरू जी का हिन्दी में यह पहला लेख है। इसे उन्होंने अनमोड़ा जेल में लिखा था और विनायत जाते वक्त सरस्वती के लिए प्रानन्द भवन में ओड गये पो पटित जवाहरलाल नेहरूजी बमरौली में मह वपाल । - सेब है कि पह गलत है। -कि जिस 'F' में रिन्यू- महातमा के खास्त दिलचस्पी है बसपी - मारी की बाकी और कोपिला वोर की मेम्बर ले पा रखता है - जवाहर लाल नेहरू Tई परमानन्दजी का एक लेख-"स्वराज्य और उतने अधिकार से यह न बतला सके । कांग्रेस क्या है ?”—मैंने अभी पढ़ा (सरस्वती का इस समय क्या राजनैतिक ध्येय है वह छिपी अगस्त, १९६५) । बहुत आशा से पढ़ा बात नहीं है लेकिन जो भाई जी उसको समझे हैं था कि इस कठिन सवाल के हल करने में या समझने वह अजीब बात है। अगर भाई जी की तरह और में कुछ सहायता मिलेगी। लेकिन पढ़कर आश्चर्य लोग भी कुछ ऐसा ही समझे हैं तो तअज्जुब क्या हुआ। भाई जी हिन्दू-महासभा के एक बड़े नेता हैं कि इतनी ग़लतफहमी है ? और उस सभा का ध्येय क्या है या दृष्टिकोण क्या है भाई जी ने 'स्वराज्य' के दो अर्थ लगाये हैं। यह बताने का उनको पूरा हक़ है और कदाचित् कोई मुख्तसर एक तो यह है कि अपने 'स्व' पर कायम रहें Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.035248
Book TitleSaraswati 1935 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevidutta Shukla, Shreenath Sinh
PublisherIndian Press Limited
Publication Year1935
Total Pages630
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
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