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________________ २०४ सरस्वती [भाग ३६ अच्छे अच्छे खिलाड़ियों से बाजी मारी है। मदनमोहन भी कई बार खेले हैं । १६३० में आप किसी समय के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी जे० क्राफ़ोर्ड के साथ खेले थे। श्राप हारे तो सही, पर एक बार काफ़ोर्ड को भी हराया। जापान के श्रेष्ठ खिलाड़ी भार० मीकी भी ईस्टबोर्न चैम्पियनशिप में आप से फ़ाइनल में हार चुके हैं। १६२६ में फ्रांस की टीम भारत में खेलने आई थी। उसमें संसार के प्रसिद्ध खिलाड़ी हेनरी कोचेट भी थे। तब आप उसमें खेले थे और आपकी तभी से ख्याति हुई। उसी टीम के [इमामबख्श] सोहनलाल भी गज़ब के खिलाड़ी हैं। गत वर्ष फ्रांस के विश्वविख्यात प्रोफेशनल खिलाड़ी रैमीलियन के साथ इनका मैच हुआ था। यह मैच भी दर्शकों को बहुत दिनों तक याद रहेगा। सोहनलाल सर्वभारतीय चैम्पियन भी हो चुके हैं। भारत की तरफ से 'डे विस-कप' में खेलनेवालों में मुहम्मद सलीम, मदनमोहन, डाक्टर फ़ीजी, कृष्णप्रसाद, जगमोहन, सोनी, चरनजीव अधिक विख्यात हैं । डाक्टर फ़ीजी तो लगातार २५ वर्ष तक विम्ब्लेडन के विख्यात टूर्नामेंट में खेल चुके हैं और [विश्वविजयी गामा www.umaragyanbhandar.com
SR No.035248
Book TitleSaraswati 1935 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevidutta Shukla, Shreenath Sinh
PublisherIndian Press Limited
Publication Year1935
Total Pages630
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
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