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संख्या ३]
विजय के पथ पर
[श्री पी० के० घोष] . क्रिकेट के श्रेष्ठ खिलाड़ी इंग्लैंड की टीम में हैं। पर
[पटियाला के महाराज भारतवर्ष ने भी क्रिकेट के अपने ५० वर्ष के जीवन में संसार के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में चार खिलाड़ी उत्पन्न तीसरे हैं पाटौदी के नवाब साहब । आप भी इंग्लैंड किये हैं। जामनगर के स्वर्गीय महाराज रणजीतसिंह को की टेस्ट टीम में खेले हैं । १६३२-३३ में आस्ट्रेलिया के कौन नहीं जानता ? आप क्रिकेट में 'रन जी' के नाम से साथ टेस्ट मैच में १०२ रन किये थे । १६३१ में आक्सविख्यात थे और अपने समय के 'क्रिकेट-किंग' थे। आप फ़ोर्ड टीम की बैटिंग में आप सर्वप्रथम आये। आपके रनों प्रथम भारतीय थे जो इंग्लैंड की तरफ़ से १८६५ में का औसत ६३ प्रति इनिंग्स से भी अधिक था। मैनचेस्टर के टेस्ट मैच में खेले थे। उस मैच की पहली चौथे हैं भारतीय टीम के कैप्टेन मेजर सी० के० इनिंग्स में ६२ रन किये और दूसरी में १५४ । उसी साल नायडू । श्राप दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में गिने जाते
आपने 'ससेक्स' के लिए २,७८० रन एक सीज़न में किये। हैं। आपने लार्डस में अपने पहले खेल में ही. एम० सी० इस प्रकार आप डाक्टर डब्लू० जी० ग्रेस के १८७१ के सी० के विरुद्ध ११८ रन किये और अाउट नहीं हुए। रेकार्ड से भी आगे बढ़ गये । महाराज रणजीतसिंह का आप एक अच्छे 'बौलर' भी हैं। लीस्टरशायर के मैच खेलने का ढंग निराला था।
में आपने २१ रनों में ही ५ खिलाड़ियों को आउट कर दूसरे खिलाड़ी हैं महाराज रणजीतसिंह के भतीजे प्रिंस दिया। फ़ील्डिंग में भी आपका स्थान बहुत ऊँचा है । दिलीपसिंह । ये भी इंग्लैंड की टीम में कई बार खेल चुके जब एम० सी० सी० भारत में खेलने आई थी तब आपने हैं। १६३० में आस्ट्रेलिया के साथ टेस्ट मैच में १७३ रन ही सबसे पहले ११५ रन किये थे ! पहली इनिंग्स में किये थे। लार्डस के क्रिकेट ग्राउंड में बौलिंग में मुहम्मद निसार तथा अमरसिंह संसार के इन टेस्ट मैचों में इंग्लैंड के किसी भी खिलाड़ी ने इतने सर्वश्रेष्ठ बौलरों में गिने जाते हैं। अमरसिंह को तो इंग्लैंडरन अब तक नहीं किये थे। यह भी एक नया रेकार्ड था। वालों ने बौलिंग सिखाने के लिए अपने यहाँ बुलाया भी
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