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राय साहब चिरंजीतसिंह एम० ए०, एल०-एल० बी०, ज़मींदार और आनरेरी मैजिस्ट्रेट को उल्लू बनाना आसान नहीं। मगर शाह साहब ने कोशिश की । यह कहानी पढ़िए ।
रँगा सियार
लेखक पंडित मोहनलाल
नेहरू
"मुझे उसमें चमकती हुई अशर्फियाँ-सी दिखाई दीं।"
[१] मोरे घनिष्ठ मित्र चिरंजीतसिंह बहुत उदास बैठे थे। - मैं जब उनके बिलकुल पास पहुँच गया तब उन्हें मेरे
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