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________________ "सम्मेद शिखर-विवाद क्यों और कैसा?" गलत तथ्य प्रस्तुत कर दिनांक 12.4.98 को कलेक्टर डैप्यूटी कमिश्नर से महापूजा करने हेतु एवं सुरक्षा आदि प्राप्त करने हेतु आदेश प्राप्त कर लिये। हमें तत्काल कार्यवाही करनी पड़ी, विस्तृत तथ्यात्मक प्रतिवेदन तैयार कर हमने अपना पक्ष कलेक्टर डैप्यूटी कमिश्नर गिरीडीह एवं संबंधित अधिकारियों को प्रस्तुत किया। आपको यह जानकारी देते हुए हमें प्रसन्नता है कि वस्तुस्थिति की जानकारी प्राप्त होने पर कलेक्टर डैप्यूटी कमिश्नर ने न केवल अपने 12.4.98 के आदेश को निरस्त ही किया वरन् दिनांक 17.4.98 को नये आदेश प्रसारित किये कि पर्वत पर दिगम्बर लोगों द्वारा प्रस्तावित महोत्सव को मनाने की इजाजत नहीं दी जायेगी। उन्होंने दिगम्बर लोगों को दो दिन में अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया कि क्यों नहीं उनके विरुद्ध धार्मिक तनाव उत्पन्न करने एवं कानून और व्यवस्था बिगाड़ने का अपराधिक मामला दर्ज कर उनके विरुद्ध कार्यवाही की जावे। • इन प्रयासों के बावजूद दिगम्बर लोगों ने भयंकर दबाव जारी रखा मगर अन्ततः अधिकारियों के अपने आदेश दिनांक 20.4.98 के द्वारा दिनांक 22.4.98 से 2.5.98 (प्राण प्रतिष्ठा करने की प्रस्तावित तिथि) तक पर्वत पर धारा 144 लागू करनी पड़ी। • दिगम्बर लोगों को सरकार को यह लिखित में परिवचन देना पड़ा कि चौपड़ा कुण्ड में कोई निर्माण कार्य नहीं किया जायेगा और न ही मूर्ति की स्थापना की जायेगी। यह सूचना हमें विश्वस्त सूत्रों Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.035236
Book TitleSammetshikhar Vivad Kyo aur Kaisa
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanraj Bhandari
PublisherVasupujya Swami Jain Shwetambar Mandir
Publication Year1998
Total Pages140
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
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