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________________ "सम्मेद शिखर-विवाद क्यों और कैसा?" माननीय उच्च न्यायालय को उच्च वरीयता पर अपीलस् का निर्णय करने हेतु निर्देशित किया है। फिर भी, यह हमारी मुख्य अपील को किसी भी प्रकार से प्रभावित नहीं करेगी । 76 जैन श्वेताम्बर सोसायटी कलकत्ता ने भी इस मामले में माननीय उच्च न्यायालय में एक एस. पी. एल. दायर की भी परन्तु माननीय उच्चतम न्यायालय ने इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करने का पुनः निर्णय किया । जैसा कि आप जानते है कि माननीय रांची पीठ ने आदेश दिया था कि बिहार सरकार, अपीलस् के निर्णय होने तक एक कमेटी का निर्माण करे और उसकी मदद से तीर्थ की व्यवस्था करें । समय-समय पर हमारे द्वारा विभिन्न एतराज किये जाने एवं विभिन्न मुद्दे उठाये जाने पर और भी कई कारणों से आज दिनांक 25 अप्रेल 1998 तक उक्त कमेटी का निर्माण नहीं किया गया है । जैसा कि सभी जानते हैं कि दिगम्बरी लोगों ने चौपड़ा कुण्ड पर अवैध निर्माण कार्य किया था और वे तीन मूर्तियां प्राण प्रतिष्ठा करने हेतु 1983 में वहां ले गये थे। इस बारे में और भी कई कानूनीवाद लम्बित चल रहे हैं । दिगम्बरी लोगों ने चौपड़ा कुण्ड में दिनांक 22.4.98 से 2.5.98 तक पंचकल्याण महापूजा हेतु विशाल समारोह प्रस्तावित किया और उसका प्रचार-प्रसार भी जोरदार किया । हमारे कड़े विरोध करने के बावजूद दिगम्बर लोगों ने झूठे एवं www.umaragyanbhandar.com Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat
SR No.035236
Book TitleSammetshikhar Vivad Kyo aur Kaisa
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanraj Bhandari
PublisherVasupujya Swami Jain Shwetambar Mandir
Publication Year1998
Total Pages140
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
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