SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 53
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ " सम्मेद शिखर - विवाद क्यों और कैसा?" 51 अधिकार नहीं है | जैनों के अधिकार भारतीय संविधान की धारा 25 एवं 26 के अन्तर्गत सुरक्षित हैं । अपितु 1991 में, अयोध्या के अतिरिक्त सभी अन्य धर्म स्थानों एवं उनके स्वामित्व में परिवर्तन का निषेध किया है । ऐसी स्थिति में बिहार सरकार श्री सम्मेत शिखर का अधिग्रहण कदापि नहीं कर सकती ।" इधर बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री लालूप्रसाद यादव एक अलग ही किस्म के राजनीतिक खिलाड़ी हैं। एक ओर बिहार प्राणलेऊ समस्याओं का भयानक जंगल बनता जा रहा है तथा दिन दहाड़े तीर्थ यात्री आये दिन लूट-खसोट के शिकार हो रहे हैं मगर उसकी लेशमात्र भी चिन्ता किये बिना सम्मेद शिखर के मामले में अपनी टांग घुसेड़ बैठे हैं । यदि हम भूलते नहीं हैं तो हमें स्मरण होना चाहिए कि दो सौ वर्षों का ब्रिटिश-शासन जहाँ हिन्दू-समाज को तोड़ने की जी तोड़ कोशिश करने के बावजूद भी सफल नहीं हो सका वहाँ जनता दल के तत्कालीन प्रधानमंत्री एवं सन्त सा प्रदर्शन करने वाले प्रथम नम्बर के स्वार्थी एवं चालाक श्री विश्वनाथ प्रताप सिंह ने अपने छोटे से शासन काल को लम्बी और स्थायी जिन्दगी देने हेतु मण्डल का बण्डल फैंक कर हिन्दू-समाज में जहर के ऐसे बीज बोये हैं कि आज हिन्दू समाज दलित और सवर्ण के दो खेमों में प्रथम नम्बर के दुश्मनों की तरह बंट गया है और इसके दूरगामी परिणाम हिन्दू समाज को क्या भुगतने Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.035236
Book TitleSammetshikhar Vivad Kyo aur Kaisa
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanraj Bhandari
PublisherVasupujya Swami Jain Shwetambar Mandir
Publication Year1998
Total Pages140
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy