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________________ "सम्मेद शिखर-विवाद क्यों और कैसा?" उदाहरण के लिए: 1. अपने समाचार पत्र 'नवभारत टाइम्स'' एवं ''टाइम्स ऑफ इण्डिया'' का दुरुपयोग करके वे निरन्तर यह धांति फैला रहे हैं कि प्रस्तावित अध्यादेश के अन्तर्गत गठित बोर्ड का अध्यक्ष जैन व्यक्ति होगा जबकि अध्यादेश में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। 2. बम्बई में आयोजित प्रेस कांफ्रेन्स में उन्होंने कहा कि सम्मेद शिखरजी पर आने वाले तीर्थ-यात्रियों में 75 प्रतिशत दिगम्बर हैं, (किस आधार पर, भगवान जाने) और कुछ दिन बाद दिल्ली में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि दिगम्बर तीर्थ यात्रियों की संख्या 90 प्रतिशत है | बम्बई से दिल्ली तक में कल्पना की उड़ान से उन्होंने 15 प्रतिशत वृद्धि कर दी। 3. "नवभारत टाइम्स'' और 'टाइम्स ऑफ इण्डिया'' में हमारे खिलाफ पक्षपात पूर्ण ढंग से लिखा जा रहा है। श्वेताम्बर समाज के पक्ष की जानकारी देश को नहीं दी जा रही है । बम्बई तथा दिल्ली में हमने जो प्रेस कांफ्रेंस की, उसमें इन समाचार-पत्रों के संवाददाता आए लेकिन उसके समाचार नहीं छापे। इतना ही नहीं, जो निष्पक्ष संस्थाएं हैं और इस प्रश्न पर भाईचारा, शांति एवं एकता बनाए रखने की अपीले कर रही हैं, उनके समाचारों को भी अपने समाचारपत्रों में वे स्थान नहीं दे रहे हैं। हमने इसके विरुद्ध अपनी आपत्ति प्रेस कॉउंसिल ऑफ इण्डिया में दर्ज कराई है। अनैतिकता की हद तो यह है कि 'नवभारत टाइम्स' तथा 'टाइम्स आफ इण्डिया'' इस सन्दर्भ में लगातार एक तरफा समाचार तोड़ मरोड़ कर बिना सन्दर्भ के और Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.035236
Book TitleSammetshikhar Vivad Kyo aur Kaisa
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanraj Bhandari
PublisherVasupujya Swami Jain Shwetambar Mandir
Publication Year1998
Total Pages140
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
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