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"सम्मेद शिखर-विवाद क्यों और कैसा?"
समस्या के विषय में लोगों को पूरी जानकारी मिलेगी, ऐसा मैं मानता
आपके प्रयत्न के लिए धन्यवाद । अहमदाबाद
-पद्मसागर सूरीश्वर ता. 27 जून 1998
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आचार्य श्री जितेन्द्र सूरीश्वरजी म.सा. आप सम्मेद शिखरजी तीर्थ पर ऐतिहासिक दस्तावेज सहित “सम्मेद शिखर विवाद क्यों और कैसा ?'' शीर्षक पुस्तक लिख रहे हैं, जानकर खुशी हुई।
मेरा विश्वास है कि आम लोगों को विशेष कर समूचे जैन समाज को विवाद की असलियत समझने में यह पुस्तक काफी सहायक होगी। इतना ही नहीं, सरकार को भी इन्साफ देने में विशेष सहयोगी एवं सहायक होगी।
___ आपका यह प्रयास, गलत और भ्रामक प्रचार से गुमराह हुए लोगों को नये सिरे से सोचने को प्रोत्साहित करेगा। यह कहूं तो अनुचित न होगा कि यह पुस्तक, न्याय, नैतिकता और ईमानदारी से सोचने वालों में एक नई जागृति उत्पन्न करेगी। नारलाई (राजस्थान)
-जितेन्द्र सूरीश्वर ता. 20 मई 1998
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आचार्य श्री नित्यानन्द सूरीश्वरजी म.सा. यह जानकार प्रसलता हुई कि श्री वासुपूज्य स्वामी जैन
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