SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 257
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ समरसिंह समरसिंह की जीवनी पर विशेष प्रकाश डालते हैं अतः यहाँ यावश्यक समझकर उद्धृत किये जाते हैं -२२० (१) ॥ संवत् १३७१ वर्षे माह शुदि १४ सोमे श्रीमदूपकेशवंशे बेस्ट गोत्रीय सा० सलखण पुत्र सा० आजडतनय सा० गोसलभार्या गुणमती कुक्षि सम्भवेन संघपति आसाधरानुजेन सा० लूणसीहाप्रजेन संघपतिसाधुश्री देसलेनपुत्र सा० सहजपाल सा० साहणपाल सा० समर सा० सांगण प्रमुख कुटुंब स मुदायोपेतेन निजकुल देवी श्रीसामंत सा० सञ्चिकामूर्त्तिः करिता । यावद् व्योम्न्नि चन्द्रार्कौ यावमेरुर्महीतले । तावत् श्री सञ्चिकामूर्ति. 4 DOO (२) ॥ संवत् १३७१ वर्षे माहसुदि १४ सोमे श्रीमद् केशवंशे वेसटगोत्रे सा० सलषणपुत्र सा० आजडतनय सा० गोसलभार्या - गुणमती कुक्षि समुत्पन्नेन संघपति सा० आशाधरानुजेन सा० लुखसीहाप्रजेन संघपतिसाधुश्री देसलेन सा० सहजपाल सा० साहरपाल सा० सामंत सा० समरसीह सा० सांगण सा० सोमप्रभृतिकुटुंबसमुदायोपेतेन वृद्धभ्रातृसंघपविषासावर मूर्तिः श्रेष्ठिमाढलपुत्री संघ० रत्नश्रीमूर्तिसमन्विता कारिता । आसाधरः कल्पतरु .. युगादिदेवं प्रणमति ॥ Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat ............ www.umaragyanbhandar.com
SR No.035229
Book TitleSamarsinh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyansundar
PublisherJain Aetihasik Gyanbhandar
Publication Year1931
Total Pages294
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size34 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy