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________________ उसके शयच्छ परिचय | ( २४ ) सं० १३८० वर्षे माह शुदि ६ सोमे भी उपकेश गच्छे चेसटगोत्रे सा० गोसलव्य • जेसंग मा० आसधर श्रे० भ्रातृसंव ० श्रा० देसलतत्पुत्र सा० सहजपाल सा० साइण सा० समरसिंह पितृव्य सा० लूणा तत्पुत्र सा० सागत सांगण प्रमुखैश्चतुर्विंशतिपट्टः का० प्र० श्रीककुदाचार्य सं० श्रीककसूरिभिः ॥ खंभात चिन्तामणि पार्श्व० जिना ० ( २५ ) सं० १३८० महा शुदि ६ भौमे ऊकेशगच्छे आदित्यनाग गोत्रे सा० षिरदेवात्मज स० भंटुक भा० मोषाहि पुत्र रुद्रपाल भा० लक्ष्मणा भ्रातृघणसिंह देवसिंह पासचन्द्र पूनसिंह सहिता - भ्यां कटुंब श्रेयार्थ श्रीशांतिनाथ बिंबं का० प्र० श्रकिकुदाचार्य संताने श्रीककसूरिभिः ॥ पेमापुर. १४३ ( २६ ) सं० १३८० ज्येष्ठ सु० १४ श्रीउएसगच्छे श्रे ० म .... लामा ० मोषलदे पु० देहा कमा पितृमातृ श्रेयसे श्री आदिनाथ बिंबं कारितं प्र० श्री श्रीककुदाचार्य सं० श्रीककसूरिभिः । चुरू ( बीकानेर ) शांति ०. 91 ( २७ ) सं० १३८५ वर्षे फागुण सुदि कारिता प्रतिष्ठिवं श्रीककसूरिभिः । Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat ........ श्रीपार्श्वनाथ बिम्बं उदयपुर मेवाड़ शीतल० AS www.umaragyanbhandar.com
SR No.035229
Book TitleSamarsinh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyansundar
PublisherJain Aetihasik Gyanbhandar
Publication Year1931
Total Pages294
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size34 MB
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