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________________ परिचय श्री पूरणचन्दजी नाहरका जन्म सं० १९३२ (१८७५ ई० ) की बैशाख शुक्ला दशमीको अजीमगंज ( मुर्शिदाबाद ) में हुआ था । आपके पिता रायबहादुर सिताबचन्दजी नाहर ओसवाल समाज के एक धार्मिक, विद्याप्रेमी तथा सुप्रतिष्ठित जमीन्दार थे। नाहरजीने एन्ट्रन्सकी शिक्षा अपने पितामही के नामपर पिताजी द्वारा स्थापित "बोबी प्राण कुमारी जुबिली हाईस्कूल" में पायी थी । १८६५ ६० में आपने प्रेसिडेन्सी कौलेजसे बी० ए० पास किया । आप बंगाल के जैनियोंमें सर्वप्रथम ग्रेजुएट हुए थे । तत्पश्चात् आपने कानून का अध्ययन किया एवं पाली भाषा में कलकत्ता यूनिवर्सीटीसे एम० ए० की डिग्री प्राप्त की । आपने कुछ दिन बरहमपुर ( मुर्शिदाबाद ) की जिला अदालत में वकालत भी की। तत्पश्चात् सन् १६१४ में कलकत्ता हाईकोर्ट में एडवोकेट हुए । आप कुछ दिन तक औनरेवल मिस्टर भूपेन्द्रनाथ बसु सौलीसीटर के पास आर्टिकल क्लर्क रहे। इस समयसे आपको साहित्य एवं पुरातत्वसे प्रेम बढ़ता गया एवं आइनजीवीका कार्य छोड़कर आपने अध्ययन एवं प्राचीन बस्तुओं की खोज तथा संग्रहमें ही जीवन व्यतीत करना शुरु किया । आप सार्वजनिक कार्योंमें भी अच्छा भाग लेते थे। बहुत दिनोंतक आप बनारस हिन्दू विश्वविद्यालयके कोर्ट में श्वेताम्बर जैनियोंकी ओरसे प्रतिनिधि रहे । कलकत्ता विश्वविद्यालयमें मैट्रिक, इन्टरमीडियट और बी० ए० परीक्षाओंके कई वर्ष तक आप परीक्षक भी रहे। पी० आर० एस० के बोर्डमें भी आपने परीक्षक का कार्य किया था । आप इंगलैण्ड के रौयल एसिएटिक सोसाइटी इंडिया सोसाइटी आदि तथा बंगाल एसियेटिक सोसाइटी, विहार उड़िसा रिसर्च Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.035203
Book TitlePrabandhavali - Collection of Articles of Late Puranchand Nahar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPuranchand Nahar
PublisherVijaysinh Nahar
Publication Year1937
Total Pages212
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
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