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प्रचन्मापली
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सामग्री, जो उनके पास हो, उसे प्रकाशित कर अपने समाज के एक गौरव पूर्ण इतिहास-संकलन में सहायक बनेंगे।
यहां “ओसवालां मैं दातार हुआ तिणांरा नाम प्रकाशित किया जाता है। इसमें दातारों की संख्या ७७ है। परन्तु इन नामों में ओसवालों के नाम के साथ-साथ श्रीमाल पोरवाल आदि के पुरुष रत्नों के भी नाम हैं। यह तालिका कोई समय अथवा स्थान की अपेक्षा से ( ध्यान में रखकर ) नहीं लिखी गई है और न इस में संग्रह कर्ताका ही कोई उल्लेख है। मुझे जिस गुटके में यह तालिका मिली थी उसमें
और भी कई गीत, कवित्त आदि संग्रहित थे, और प्रारम्भ में 'सेवग मंछाराम रा कह्या" ऐसा लिखा हुआ था। यह तालिका भो उन्हीं सेबगजी का संग्रह होना संभव है। इसके बहुत से नाम प्रसिद्ध हैं परन्तु, कुछ नामों के खोज को आवश्यकता है। यह तो स्पष्ट है कि इन महापुरुषों ने अपनी बुद्धि, बल और दान शीलता से किसी समय विपुल यश प्राप्त किया होगा, परन्तु खेद है कि आज अपने उनकी कीतियों से अपरिचित हैं। समाज के ऐसे पुरुष-रत्नों के लुप्त गौरव का प्रकाश करना समाज का एक कर्तव्य है।
तालिका को भाषा डिंगल है। अभ्यास न होनेसे इसमें मेरा ज्ञान तुच्छ है; इस कारण इसके शब्दों में जो कुछ त्रुटियां हो वे सुज्ञ पाठक सुधार लेनेकी कृपा करें।
ओसवाला मैं दातार हुआ तिणांरा नाम । १ जगडू सोलावत, पाप रांका २ सारङ्ग, वास सौरठ ३ करमवन्द मुहतो वछावत, सांगैरो ४ भामौका वडियो, वास चीतोड ५ सूरोगुल होडयौनग्भवतः वास आकोले ६ जगडूललवाणी, जोधपुर ७ हीरजी संघ वाले चौ, जोधपुर ८ लोढ़ा भैरुदास ६ नैरामो, अलवल गढ़, ( मेवाढमें), इत आगरे हुवा १० श्रोमाल हीरा नन्द ११ लोढ़ा कवरी नैसुनपाल (१) तेजसी वरहडियो अकबर पानसाह मांनियौ १२ मुंहतो रायमल बैद, सोझत १३ जालोर, लोढ़ौ हमीर १४ भीनमाल, लोलो १५ Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat
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