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________________ प्रवन्धायला महाविद्या- भुवनमुन्दरकृत वृत्ति मंत्रशास्त्र- मल्लिरेण कृत टीका मंत्रराजरहस्य-सिंहतिलकमूरिकृत टीका योनिप्राभृत- हरिषेणकृत टीका योगरत्नाकर- नयशेखरकृतटीका वैद्यक योगरत्नमाला-गुणाकरकृत टीका रमचिन्तामणि-अनंतदेवमूरिकृत टीका वैद्यकसारसंग्रह-हर्षीर्तिकृत टीका चंद्यकसारोद्धार-हर्षकीर्तिकृत टीका वैद्यकल्लभ- हम्तिरुचिगणिकृत टीका योगचिन्तामणि-हर्षकीर्तिकृत टीका ज्यराटक - मलदेवकृत टीका सन्निपान कलिका--हेमनिधानकृत टीका लक्षण संग्रह- रत्नशेखरकृत टीका नाषा विहारी-सतसई-समरथकविकृत टीका रसिकप्रिया- कुशलधीरकृत 'रसिक-प्रिया विवरण' पृथ्वीराजवेलो-कविसारंगकृत संस्कृत टीका। कुशलधीरकृत टीका । शिवनिधानकृत टोका। श्रीसारस्त टीका। जय. कीर्तिकृत टीका । राजसोमकत टीका। 'जैन-सिद्धान्त-भास्कर' भाग २. किरण १, ( जून १९३५), पृ. ३२-४१ । जैन सिद्धान्त भवन आगसे प्रकाशित। Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.035203
Book TitlePrabandhavali - Collection of Articles of Late Puranchand Nahar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPuranchand Nahar
PublisherVijaysinh Nahar
Publication Year1937
Total Pages212
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
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