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एमालनमो नमो निम्मलदसणस्स म आज पूज्य आनंद-क्षमा-ललित-सुशील-सुधर्मसागर-गुरुभ्यो नमः
(भाग
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सवृत्तिक-आगम-सूत्राणि-2
(दशाश्रुतस्कंधस्य-अष्टम-अध्ययनम्) “कल्पसूत्रं” मूलं एवं वृत्ति:
आजम आजम आजमा आजम आजमा मूल संशोधक :- पूज्यपाद आगमोद्धारक आचार्यश्री आनंदसागरसूरीश्वरजी महाराजसाहेब
अभिनव-संकलनकर्ता :- आगम दिवाकर मुनिश्री दीपरत्नसागरजी (M.Com., M.Ed., Ph.D., श्रुतमहर्षि]
पूज्य शासनप्रभावक आचार्य श्री हर्षसागरसूरिजी म० की प्रेरणा से श्री परम आनंद श्वेताम्बर मूर्तिपूजक जैन संघ, पालडी, अमदावाद