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________________ आगम (४२) भाग-6 “दशवैकालिक'- मूलसूत्र-३ (निर्युक्ति:+|भाष्य+चूर्णि:) अध्ययनं [२], उद्देशक H, मूलं H I गाथा: [६-१६/६-१६], नियुक्ति : [१५२-१७६/१५२-१७७], भाष्यं [४...] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधिता मुनि दीपरत्नसागरेण संकलिता: आगमसूत्र-[४२] मूलसूत्र-[०३] दशवैकालिक नियुक्ति: एवं जिनदासगणिरचिता चूर्णि प्रत सूत्रांक गाथा ||६-१६|| ---- श्रीदश-18 अच्छह वीसत्था, अहमेतं लोग उवाएण निवारेमि, वितिए दिवसे विष्णि सुवण्णकोडीओ ठथियात्रो, उग्धोसावियं नगरे, जामनोदमनं ला अभयो दाणं देइ, लोगो आगओ, भाषांत चऽणेण-तस्साह एताओ तिणि कोडिओ देमि जो एता तिणि परिहरह-अग्गि पाणिय महिलं, लोगो भणइ एतेहिं विणा किं सुवण्णकोडीहिं, अभयो भणइ-ता किं भणह दपउत्ति पवइओ?, जोवि निरस्था पत्र२ अध्ययन ओ तणांवि एयाओ तिष्णि सुवण्णकोडीओ परिचचाओ, सच्च सामी, ठिओ लोगोत्ति--तम्हा अस्थपरिहीणोऽवि संजमे ठिओ ॥८४॥ तिषिण उ लोगसाराणि अग्गि उदगं महिलाओ य परिवज्जतो चाइति लम्भइ। एवं तस्स संजमे ठितस्स कस्सइ कदाइ मणं चंचलतणेण माउग्गामेण सह अभिसंधारणं भवेज्जा तेण कई काय, भाइसमाए पेहाए परिवयंतो, सिया मणो णीसरई। वहिद्धा (९-९३) सिलोगो, ममा णाम परमपाणं च समं पासइ, णो विसम, पेहा णाम चिन्ता भण्णइ, परिवयंतो णाम जो सब्बप्पगारण संजमाहिगारहिं उज्जमतो, परिब्बयंतो णाम गामणगरादीणि उबदेसेणं विचरतोत्ति वुस भवइ तस्स, एवं पसत्धेहि माणठाणहि बटुंतस्स मोइणीयस्स कम्मरस उदएणं बहिदा मणो णोसरेज्जा, बहिदा नाम संजमाओ वाहिं गच्छइ, कह, पुन्चरयाणुसरणेणं वा भुत्तभाइणा अभुत्तभागिणो वा कोऊहलवचिवाए, तत्थ उदाहरणं जहा एगो रायपुत्ती बाहिरिवाए उबट्ठाणसालाए अभिरमंतो अच्छइ, दासी य तेण अंतण जलभरियघडेण चोलेइ, तओ तेण दासीए सो घड। गोलीए भिण्यो, ते च|| अद्धिति करेंति दडण पुणरावची जाया, चितियं च-जे चत्र रक्खगा ते विलावगा कि रथ कुविउं सक्का ।। उदगाओ समुज्जला लिओ कट्ठमग्गी विज्झवेतचे ॥१॥ वो पुणपि चिक्खालगोलीएण तक्खणा चेव लहत्थयाए तं पडछिदं ढक्केइ, एवं द.॥८४॥ जइ संजतस्स संजमं करेंतस्स बहिया मणो णिग्गच्छद सत्य पसत्धेण परिणामेण ते अमुहसंकप्पछि चरिचजलरक्खणडाए ठक्के-18 - दीप अनुक्रम [६-१६] --- [97]
SR No.035056
Book TitleSachoornik Aagam Suttaani 06 Dashvaikaalik Niryukti Evam Churni Aagam 42
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnandsagarsuri, Dipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherParam Anand Shwe Mu Pu Jain Sangh Paldi Ahmedabad
Publication Year2017
Total Pages398
LanguagePrakrit, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_dashvaikalik
File Size34 MB
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