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________________ आगम (०१) प्रत वृत्यक [१२६ १२९] दीप अनुक्रम [१३९ १४२] श्रीआचा रोग सूत्र चूर्णि ॥१३७॥ भाग-1 "आचार” - अंगसूत्र - १ (निर्युक्तिः + चूर्णि:) श्रुतस्कंध [१], अध्ययन [४], उद्देशक [१], निर्युक्तिः [२२७...], [वृत्ति अनुसार सूत्रांक १२६-१२९] A वसित्ता 'पलेमाणा' विमुचमाणा पुढो पुढो जाई पगप्पति-पिहप्पि अगाओ गतिओ गच्छंति, सकम्मेण पिहपिहा जातीयो कप्पेंति - पकुब्वंति, जह सउणगणा बहवे समागता पादवे रति वसिऊण किंचि कालं पगि जाव पुणो पत्रअंति, 'पुणो पुणो पुणो वा जाति जहा- एगिंदियजाई जाब पंचिदियजाई, अनंतसंसारं, पमचदोसा भणिता, तम्भया 'अहो य रातो य' अविस्सामं जताहिघडाहि, एवं अवधारणे, जम्हा एते पमत्तदोसा तम्हा जत, वीरो भणितो आयपरउवदेसओ 'सता आगतं' णिचं आगतं पण्णाणं | जस्स खणलचपडिवुज्झयणा णिचं अप्पमारण उडतो 'पमत्ते बहिता पास' जे विसयकमायपमत्ता असंजया गिहत्था अन उत्थिया बहिया धर्ममते । एवं पस्स, 'अध्यम से सता परक मेआसि' चि बेमि कहं णाम रागादिदोसेसु लंडणाण होजा?, पराणं परक्कमे, एत्थ तेलथालपुरिसेण दितो, जहा सो अप्पमायगुणा मरणं ण पत्तो एवं साहूबि सिज्झिस्सर, चउत्थज्मयणस्त पदमो उद्देसओ सम्मत्तो ४-१ ॥ उद्देमत्थाधिगारो निज्जुतीए वृत्तो, सुचस्स सुतेण सम्म अहिंसाइलक्खणे वतिरिचे सचरिचे अप्पमादो कायच्यो, अहवा 'अप्पमते परक मिआ सित्ति बेमि' पमत्तो य आसवति, अण्णहा णिस्सबतीति, अतो पुच्छा 'जे आसवगा ते परिसवगा ?' अडवा सम्मत्तं अधिकितं तं तु भृतस्थेण अमिगतो जीवपदस्थो पदमे अज्झयणे वष्णिओ, इह आसवो बनिअर निजरा य, आसवग्गहणा य पुण्णं पात्रं बंधो य सइओ भवति, निजरगहणा य मोक्खो य, जओ भण्णति- 'जे आसवा ते परिसवा' गतिपञ्चागतिलक्खणं, दव्यासको नदीसरादी भावासवो कम्मं, दव्यपरिसवो चालणी झरणाणि, भावपरिसवो कम्मरखवणा, एत्थ दुबिहा पुच्छा-अनुयोगपुच्छा अणणुओगपृच्छा य, अणणुयोगपृच्छा ताव जे चैत्र आसवा ते चैव परिस्सवा १, का भावणा ?, जे चैत्र आसवा हिंसाति पलायनादि आश्रवपरिअवता [149] ॥१३७॥ पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधिता मुनि दीपरत्नसागरेण संकलिता.....आगमसूत्र -[०१], अंग सूत्र -[०१] "आचार" जिनदासगणि विहिता चूर्णि: चतुर्थ-अध्ययने द्वितीय-उद्देशक: 'धर्मप्रवादी-परीक्षा' आरब्ध:,
SR No.035051
Book TitleSachoornik Aagam Suttaani 01 Aachaar Churni Aagam 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnandsagarsuri, Dipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherParam Anand Shwe Mu Pu Jain Sangh Paldi Ahmedabad
Publication Year2017
Total Pages399
LanguagePrakrit, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_acharang
File Size30 MB
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