________________
आगम
(३६)
“व्यवहार” – छेदसूत्र-३ (मूलं) ---------- उद्देश: [७] ---------------------------------------- मूलं [२] ----------
मनि दीपरत्नसागरेण संकलित...........आगमसूत्र - [३६], छेदसूत्र - [9] "व्यवहार" मूलं
प्रत सूत्रांक
पदिकमायेता जाप उबवावेनए वा संभुजित्तए वा संपसित्तए वा तीसे इत्तरिय दिस वा अणुविसं या उदिसिराए वा धारितए मा।।जे निगान्था य निगान्धीओ य समोरया सिया का बैंकप्पड निग्गन्याणं निम्गन्धीत्रो य आपुष्ठित्ता निग्गन्धी अण्णगणाओ आगयं सुवाधारं जाप तस्स ठाणस जालोयाबित्ता पटिकमायेता जाव उबट्टावित्तए पा संभूजित्तए पात्र
संवा तीसे इत्तरिय धारेत्तए या, तं च निम्मान्धीओ इच्छेना सयमेच नियंठाणं जान उपडावेत्तए पा संभुजित्तए पा संवसित्तए वा सीसे इत्तरिय दिस या अणुदिस वा उदिसित्तए वा धारेनए वा ४४।३।जे निग्गन्याय निग्गन्धीओ य संभोइया सिया, नो व्ह कप्पा पारोक्खं पाडिएक संभोइयं निसंमोग कोत्तए, कप्पड़ गई पचपख पाढिएक संभोइयंट विसंभोग करतए, जत्येव ते अन्नमन्नं पासेला नत्येष एवं वएग्जा आई अगो ! तुमाए सर्दि इमम्मिय२कारणमि पचक्र पाडिएक संभोग विसंमोग कोमिसेय पडितपेजा. IN एक से नो कप्पा पचपस पाटिएक संभोइयं विसंभोग करेनए. से प नो परिवप्पेमा एवं से कप्पा पचवं पाडिएकं समोइयं विसंमोग करेत्तए 'N'TI जाओ निमावीओ ना निग्गन्धा बा संमोहया सिया नो यह कापड निमान्धि पथकले पाटिएक संभोइयं विसंभोग कोत्तए, कप्पा न्हं पारोपसं पाढिएक संभोइयं निसंभोग करेचए, जत्येव नाओ अपणो आयरियउक्झाए पासेना नत्येक एवं वएजा 'अहंगं मंते! अमुगीए अजाए सर्वि इमम्मि कारणम्मि पारोक्स पाटिएवं संभोग विसंभोग करेमि' सा य से पडितप्पेजा एवं से नो कप्पा पारोकसं पाढिएक संभोदय विसंभोर्म करेलए, सा य से नो पहिवरेजा एवं से कप्पा पारोक्वं पालिएक समोइये निसंभोग करेत्तए '५५1५1नो कप्पा निग्गन्याण निम्माधि अप्पणी अहाए पवावेत्तए वा मुण्डावेत्तए वा सिमखाचित्तए पा सेहवेत्तए वा उपहावेत्तए वा समुजित्तए वा संवसित्तए वा तीसे इसरिय विसं या अमुविस चा उदिसित्तए वा धारेचए वा नाकप्पा निग्गन्धाण निम्मन्धि अमेसि बहाए पयावेत्तएवा-धारेत्तए वा ११८७ानो कापड निग्गन्धीतं निग्गम्पि अपणो जहाए पवावेत्तए वा मुंडापेत्तएवा जाव पारितएवादाकापड निग्गंधीण निम्मर्षि महाए पापेत्तए का जाप पारितए वा।९।नो कम्पा निमांचीण विवकिहि दिसंवा अणुदिसंवा उरिसितए वा धारेत्तएवा।१०।। कल्पह निर्माचा विचा०'१४४।११॥नो कापड निम्गंधाणं चिडकिडाई पाहुटाईपिओसवेलए।१२शकप्पाड निरगंवीणं पिइकिदाईपाडाई विओसवेत्तए १७९०१३ नोकप्पा निर्गपाण या निर्माचीण या विद्यकिय काले सकार्य उदिसितए या कोत्तए वा।१४। कन्या निग्गंधीणे विज्ञकिहए काले समायं करेलए निम्गंधनिस्साए "२६५1१५/नो कप्पा निम्गंधाण । पानिमांचीण वा असमाइए सज्झार्य करेगए।१५कामा निर्णयान या निम्गंधीण वा सन्माइए समायं करेलए।१अनो काचा निर्माचाम वा निम्गंधीम या अप्पयो असझाइएर सज्जायं करेनए, कप्पन व्हं अन्नमन्नस बावणे दलहत्तए '५०३।१८ निवासपरिवाए समणे निर्माचे तीसवासपरियायाए समणीए निमांचीए कप्पद उबझायनाए उदिसितए ।१९। पचासपरिवाए समणे निर्गथे सद्विवासपरियायाए समणीए निर्गयीए कम्पन आयरियताए उदिसित्तए ४११।२०। मामाणुगाम डानमाणे निक्यूज आहब वीसुबमेजा,तं च सरीपर्म केह साहम्मिया पासेजा, कप्पा से ते सरीरगं या सामारियमित्तिकद्ध नै सरीनं एते अचित्ते बहुफामुए पंडिले पडि पम परिवेत्तए, अपि वा इत्य केइ साहम्मियसंनिए उपगरणजाए परिशरणारिहे कपड़ ग से सागारकर्ड गहाय दोपि ओगह अणुन्नवेत्ता परिहार परिहरेत्तए "५७२।२१ सागारिए उगस्सयं पकाए पउनेजा, से. बकाइयं वएजा 'इमन्दिय इमन्दिय ओमासे समणा निग्मन्मा परिवति,से सामारिए परिहारिए, से य नो वएना, बकाए गएजा-इमम्मियामम्मिय ओबासेसमणा निम्गन्याय परिवसन्त, से सागारिए परिवारिपदोनितेवएजा-अमंसिर ओमासे समणा निम्नन्या परिवसन्त बानिले सागारिया परिहारिया । २२सागारिए उपस्सयं विक्षिणेना.सेय काय गएला-इमम्हि य इमम्हि य ओबासे समणा नियन्या परिवसन्ति, से सागारिए पारिहारिए,से यमो एवं वएजा, काए बाएजा-अर्यसि २ ओबासे समणा निम्मन्था परिवसन्तु, से सागारिए पारिहारिए दोमि ते पाएना-अयसि २ ओमासे समणा निमन्या परिनसन्तु, बोनि मागारिया परिहारिया ।२३ बिड्मया नायकुलवासिणी सावियायि ओगह अणुसरेया सिवा किमा पुन तप्पिया बा माया या पुणे मा.सेच दोवि ओम्यहं ओगेव्हियावा ।२४० पहिएवि ओग्गह अणुनबेयो ५१७१२५ से रम(राय)परियोस संबढेस बोगटेसुजमोच्छिनेरा जपरपरिम्महिएम मिपसभाबस्स हाए सब ओम्गहस्स पुषाशुन्नमा चिद अहासन्दमपि ओग्गहे । २६॥ से य रजपरियोस असंबडेस बोगस बोकिन्नेस परप. रिमहिएरा मिनसुनावस्स अवाए दोषिजओग्ग अणुन्नवेयो सिया'५४५ ॥२७॥ सत्तमो उसओ७॥ गाहा उदु पजोसहिए, ताए गाहाए खाए परसाए लाए उवासन्तराए जमिण सेनासंधारण लभेना नमिणं ममेम सिया, मेरा प से अणुजाणेजा तस्सेच सिधा, पेरा व से नो अणुजाणेजा एवं कापा आहारामणियाए सेम्जासंधारगं पडिग्गाहेत्तए 1१1से व अहालसर्ग सेनासंधारगं गयेसेजा, जबकिया एगेणं इत्येण ओगिजिमय जान एमाहवा तुपाहं वा लियाई वा अदयार्ण परिवहितए, एस मे देमन्तमिन्हासु भविस्सहसा १२० से बहालहुसन सेनासंधारगं गमेसेजा, जबक्रिया एमेन हत्येर्ण जोगिझिय जाव एमाह वा दुबाहवा तियाहमा अधार्ण परिवहिनए एस में वासाचासासु भनिरसह (२४४) ९७६ व्यवहार:सूर्य उदो -८
मुनि परमागर
अनुक्रम [१६१]
अत्र उद्देशक: ८ आरब्ध:
~138~