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_ नमो नमो निम्मलदसणस्स पूज्य आनंद-क्षमा-ललित-सुशील-सुधर्मसागर-गुरुभ्यो नम:
भाग
सवृत्तिक-आगम-सुत्ताणि
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आगम ३३-३९ ३३. मरणसमाधि-प्रकीर्णक [मूलं एवं संस्कृत-छाया] ३४.निशीथ,३५.बृहत्कल्प,३६.व्यवहार,३७.दशाश्रुतस्कंध,३९.महानिशिथ [५-छेदसूत्राणि मूल],
३८/१,जीतकल्प-मूलं+भाष्य,३८/२.पंचकल्प-भाष्यं.
मूल संशोधक :- पूज्यपाद आगमोद्धारक आचार्यश्री आनंदसागरसूरीश्वरजी महाराजसाहेब
अभिनव-संकलनकर्ता :- आगम दिवाकर मुनिश्री दीपरत्नसागरजी [M.Com., M.Ed., Ph.D. श्रतमहर्षि
पूज्य शासनप्रभावक आचार्यश्री हर्षसागरसूरिजी की प्रेरणा से।
'वर्धमान जैन आगम मंदिर संस्था' पालिताणा
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