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आगम (१४)
[भाग-१६] “जीवाजीवाभिगम" -
प्रतिपत्ति : [२], -------------------------उद्देशक: [-1, ---------------------- मूलं [६२] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण संकलित..आगमसूत्र- [१५], उपांगसूत्र- [३] “जीवाजीवाभिगम" मूलं एवं मलयगिरि-प्रणीता वृत्ति
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प्रत
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सूत्रांक
[६२]
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अहेसत्तमाए पुढवीए णेरहयणपुंसका असंग्वेज़गुणा, उट्ठीए पुढवीए नेरइय० असंग्वेज़गुणा म. हस्सारे कप्पे देवपुरिसा असंखेजगुणा महासुक्के कप्पे देवा असंखेनगुणा पंचमाए पुटपीए नेरइयणपुंसका असंग्वेजगुणा लंतए कप्पे देवा असंखेजगुणा चउत्थीए पुढवीए नेरदया अमंग्वेजगुणा बंभलोए कप्पे देवपुरिसा असंखेनगुणा तयाग पुढवीए नेरइय. असंखेजगुणा माहिद कप्पे देवयुरिसा असंखेजगुणा सणंकमारकाप्पे देवपुरिसा असंवेजगुणा दोचाए पुढवीए नेहया अमंग्वे. ज्जगुणा, इसाणे कप्पे देवपुरिसा असंवेागुणा ईसाणे कप्पे देविधियाओ संग्रजगुणाओ. मोधम्मे(कप्पे) देवपुरिमा संखेज लोधम्मे कप्पे देविस्थियाओ संग्वे भवगनासिदेवपुरिमा अपग्वेजगुणा भणयासिदेविस्थियागो मंग्वेलागुणाओ इमीगे रयणभापुतवीए रहया असंखेशाणा वाणमंतरदेवपुरिमा असंग्ले लागुणा वाणभनरदेविधियाओ मंग्वेलागुणाओ जोनिमियदेवपुरिमा संग्वेजगुणा जोनिसियदेरित्थियाओ मंग्वेक्षणा || नासिगं भने लिरिक्रजोणिधी जलपरीणं थलयरीणं वहयरीणं निरिच जोणियपुरिमाणं जलपराणं पर या यरा निरिटरवजोणियणपुसकाण पगिदियतिरिक्वजोणिपणपुनकाण पुराणिकाइयतिदिपछि जोपासका असत्यागिदिया जोलापुसकाणं जाव नगर निकाइय-मिनियनि- जोसका ईतिगदि को पाएमकाणं लेइदिपनि जोपासका वरिंद्रियनि जो नपुंसका गोटियलिए
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दीप
अनुक्रम
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