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________________ आगम (०५) प्रत सूत्रांक [५७२] दीप अनुक्रम [६७२] [भाग-१०] “भगवती”- अंगसूत्र - ५ ( मूलं + वृत्ति:) शतक [१६], वर्ग [–], अंतर् शतक [-], उद्देशक [४], मूलं [५७२ ] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण संकलित.. आगमसूत्र - [०५] अंगसूत्र- [ ०५] "भगवती” मूलं एवं अभयदेवसूरि-रचिता वृत्तिः व्याख्याप्रज्ञप्तिः अभयदेवीया वृत्तिः २ ॥७०४ ॥ वास सहस्सेहिं वा वाससयस हस्सेहिं (ण) वा स्ववियंति ?, णो तिगडे समट्ठे, जावतियनं भंते! छुट्टभत्तिए समणे | निग्गंथे कम्मं निज्ज़रेति एवतियं कम्मं नरएस नेरइया वाससहस्सेण वा वाससहस्सेहिं वा वाससय सहस्सेण (हिं) वा खवयंति ?, णो तिणट्ठे समट्टे, जावतियन्नं भंते । अहमभत्तिए समणे निग्गंथे कम्मं निजरेत एवतियं कम्मं नरपसु नेरतिया वासस्यसहस्सेण वा वाससयसहस्सेहिं वा वासकोडीए वा खवयंति ?, नो तिणट्टे समट्टे, जावतियनं भंते ! दसमभत्तिए समणे निग्गंथे कम्मं निज्वरेति एवतियं कम्मं नरपसु नेरतिया वास| कोडीए वा वासकोडीहिं वा वासकोडाकोडीए वा खवयंति ?, नो तिणट्टे समट्ठे से केणट्टेणं भंते । एवं बुचर जावतियं अन्नइलातए समणे निग्गंधे कम्मं निज्जरेति एवतियं कम्मं मरएमु नेरतिथा वासेण वा वासेहिं वा वाससएण वा (जाब) बास (सय) सहस्सेण वा नो खवयंति जावतियं चउत्थभलिए, एवं तं चेव पुत्रभणियं उच्चारेयचं जाव वासकोडाकोडीए वा नो ववयंति ?, गोपमा ! से जहानाभए केह पुरिसे जुने जराजजरियदेहे सिटिलतयावलितरंगसंपिणद्गते पविरलपरिसडियदंतसेढी उण्हाभिहए तव्हाभिहए आउरे झुंशिय पिवासिए दुब्बले किलंते एवं महं कोसंबगंडियं सुकं जडिलं मंठिलं चिकणं वाहद्धं अपत्तिथं मुंडेण परसुप्मा अक्कमेजा, तए णं से पुरिसे महंताई २ सद्दाई करेह नो महंता २ दलाई अदालेह, एबामेव गोषमा ! मेरइयाणं पाबाई कम्माई माडीकथाई चिकणीकमाई एवं जहा छटए जान नो महापावसाणा भवंति से जहाना| मए केई पुरिसे अहिकरणिं आउलेमा महया जाव को महापापसाणा भवंति से जहानामए केई पुरिसे can Internationa For Panalyse Only ~317 ~ १६ शतके | उद्देशः ४ अन्नग्लायकचतुर्थादि भिः कर्मक्ष यः सू ५७२ ॥७०४ ॥
SR No.035010
Book TitleSavruttik Aagam Sootraani 1 Part 10 Bhagavati Mool evam Vrutti Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnandsagarsuri, Dipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherVardhaman Jain Agam Mandir Samstha Palitana
Publication Year2017
Total Pages514
LanguagePrakrit, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size111 MB
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