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________________ आगम [०५] [भाग-९] “भगवती”- अंगसूत्र-५ [मूलं+वृत्ति :] शतक [९], वर्ग [-], अंतर्-शतक [-], उद्देशक [३३], मूलं [३८५] मुनि दीपरत्नसागरेण संकलित.........आगमसूत्र - [०५], अंग सूत्र - [०५] "भगवती"मूलं एवं अभयदेवसूरि-रचित वृत्ति: प्रत सूत्रांक [३८५] व्याख्या| दोहि सयसहस्सेहिं कुत्तियावणाओ रयहरणं च पडिग्गहंच आणेह सयसहस्सेणं कासवगं च सदावेह, तए ९शतके प्रज्ञप्तिःणं ते कोडंबियपुरिसा जमालिस्स खत्तियकुमारस्स पिउणा एवं वुत्ता समाणा हतुट्ठा करयल जाव पडि-शा उद्देशा। अभयदेवी-लसुणेत्ता खिप्पामेव सिरिघराओ तिन्नि सयसहस्साई तहेव जाव कासवगं सद्दावेति । तए णं से कासवए दीक्षायै अया वृत्तिः२ जमालिस्स खत्तियकुमारस्स पिउणा कोडुंबियपुरिसेहिं सद्दाविए समाणे हढे तुढे पहाए कयबलिकम्मे जाव नुमतिः सू२८४ ॥४७२॥ ||सरीरे जेणेव जमालिस्स खत्तियकुमारस्स पिया तेणेव उवागच्छद तेणेव उवागच्छित्ता करयल० जमाहालिस्स खत्तियकुमारस्स पिपरं जएणं विजएणं बद्धावे जएणं विजएणं बद्धावित्ता एवं बयासी-संदिसं-1 तुणं देवाणुप्पिया! मए करणिजं, तए णं से जमालिस्स खत्तियकुमारस्स पिया तं कासवर्ग एवं वयासी18 तुम देवाणुप्पिया! जमालिस्स खत्तियकुमारस्स परेणं जत्तेणं चउरंगुलबजे निक्खमणपयोगे अग्गकेसे पडिकप्पेहि, तए णं से कासवे जमालिस्स खत्तियकुमारस्स पिउणा एवं बुत्ते समाणे हहतुढे करपल जाव एवं | सामी! तहत्ताणाए विणएणं वयणं पडिसुणेइ २त्ता सुरभिणा गंधोदएणं हत्थपादे पक्खालेइ सुरभिणा २ सुद्धाए अट्ठपडलाए पोत्तीए मुहं बंधह मुहं पंधित्ता जमालिस्स खत्तियकुमारस्स परेणं जत्तेणं चउरंगुलबजे द निक्खमणपयोगे अग्गकेसे कप्पह । तए णं सा जमालस्स खत्तियकुमारस्स माया हंसलक्खणेणं पडसा ४७२ डएणं अग्गकेसे पडिच्छह अग्गकेसे पडिच्छित्ता सुरभिणा गंधोदएणं पक्खालेह सुरभिणा गंधोदएणं पक्खालेत्ता अम्गेहिं वरेहिं गंधेहिं मल्लेहिं अञ्चेति २ सुद्धचत्थेणं बंधेइ सुद्धवत्धेणं बंधित्ता रयणकरंडमंसि EX-15 दीप अनुक्रम [४६५] + ...अत्र मूल-संपादने सूत्र-क्रमांकने मुद्रण-दोष: संभाव्यते सू.३८५ स्थाने सू,३८५ लिखितं जमाली-चरित्रं ~386
SR No.035009
Book TitleSavruttik Aagam Sootraani 1 Part 09 Bhagavati Mool evam Vrutti Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnandsagarsuri, Dipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherVardhaman Jain Agam Mandir Samstha Palitana
Publication Year2017
Total Pages552
LanguagePrakrit, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size120 MB
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