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मूलाका: ८६८ + ११४ भगवती (अग)सत्रस्य विषयानुक्रम
दीप-अनुक्रमा: १०८७ | मलांक:: | विषय:
पृष्ठांक: मूलांक: विषय: पृष्ठांक: मूलांक:
पृष्ठांक: | शतक -१ ... ......शतकं - ३
......शतक -५ ००१ | उद्देशक: ०१ चलन १७० | उद्देशक: ०२ चमरोत्पात
२६४ | उद्देशक: ०९ राजगृह ०२६ | उद्देशक: ०२ दुःख १४८ | उद्देशक: ०३ क्रिया
| उद्देशक: १० चन्द्रमा ०३४ | उद्देशक: ०३ कांक्षाप्रदोष १८४ | उद्देशक: ०४ यान
शतकं-६ ०४६ | उद्देशक: ०४ कर्मप्रकृति १८९ | उद्देशक: ०५ स्त्री
२७२ | उद्देशक: ०१ वेदना ०५२ | उद्देशक: ०५ पृथ्वी १९१ | उद्देशक: ०६ नगर
२७७ उद्देशक: ०२ आहार ०६९ | उद्देशक: ०६ यावंत १९३ | उद्देशक: ०७ लोकपाल
રા૦૮ | उद्देशक: ०३ महा-आश्रव ०७९ | उद्देशक: ०७ नैरयिक २०१ | उद्देशक: ०८ देवाधिपति
२८६ उद्देशक: ०४ सप्रदेशक ०८५ | उद्देशक: ०८ बाल २०५ | उद्देशक: ०९ इन्द्रिय
२९१ | उद्देशक: ०५ तमस्काय ०९४ | उद्देशक: ०९ गुरुत्व २०६ | उद्देशक: १० परिषद
३०० | उद्देशक: ०६ भव्य १०२ उद्देशक:१० चलत
| शतकं -४
३०२ | उद्देशक: ०७ शाली शतक - २ २०७ | उद्देशका: १-४ लोकपाल-विमान
३१३ उद्देशक: ०८ पृथ्वी १०५ | उद्देशक: ०१ स्कंदक २१० | उद्देशका: ५-८लोकपालराजधानी
३१७ | उद्देशक: ०९ कर्म ११८ | उद्देशक: ०२ समुदघात २११ | उद्देशक: ०९ नैरयिक
३२० | उद्देशक: १० अन्ययूथिक ११९ | उद्देशक: ०३ पृथ्वी २१२ | उद्देशक: १० लेश्या
शतकं - ७.... १२२ | उद्देशक: ०४ इन्द्रिय ... शतक - ५.....
३२७ | उद्देशक: ०१ आहार
०१५ १२३ | उद्देशक: ०५ अन्यतीर्थिक २१५ | उद्देशक: ०१ रवि
३३९ | उद्देशक: ०२ विरति
030 | उद्देशक: ०६ भाषा २२० | उद्देशक: ०२ वाय
३४५ | उद्देशक: ०३ स्थावर
०४० १३९ | उद्देशक: ०७ देव २२३ | उद्देशक: ०३ जालग्रंथिका
३५१ उद्देशक: ०४ जीव
०४६ १४० | उद्देशक: ०८ चमरचंचा २२५ | उद्देशक: ०४ शब्द
३५३ उद्देशक: ०५ पक्षी
०४८ १४१ | उद्देशक: ०९ समयक्षेत्र २४१ | उद्देशक: ०५ छद्मस्थ
३५५ | उद्देशक: ०६ आयु
०४९ १४२ | उद्देशक: १० अस्तिकाय २४४ | उद्देशक: ०६ आय
३६१ | उद्देशक: ०७ अनगार
०६० शतकं- ३..... २५३ | उद्देशक: ०७ पुदगल
३६५ | उद्देशक: ०८ छद्मस्थ
०६६ उद्देशक: ०१ चमरविकुर्वणा २६२ | उद्देशक: ०८ निर्ग्रन्थीपुत्र
३७१ | उद्देशक: ०९ असंवृत पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण संकलित...आगमसूत्र-०५] अंग सूत्र-[०५] "भगवती मूलं एवं अभयदेवसूरि-रचिता वृत्ति:
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०७१
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