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________________ आगम (०५) [भाग- ८] "भगवती"-अंगसूत्र-५/१(मूलं+वृत्ति:) शतक [५], वर्ग [-], अंतर्-शतक [-], उद्देशक [४], मूलं [१८६] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण संकलित..आगमसूत्र- [०५, अंगसूत्र- [०५] "भगवती मूलं एवं अभयदेवसूरि-रचिता वृत्ति: प्रत सूत्रांक [१८६] व्याख्या-12 छउमस्ये णं भंते ! मणुस्से हसेज वा उस्सुयाएज वा ?, हंता हसेज वा उस्सुयाएज वा, जहा णं भंते १५ शतके . प्रज्ञासा छउमस्थे मणुसे हसेज जाप उस्मु०सहा णं केवलीवि हसेज वा उस्सुयाएज वा ?, गोपमा ! नो इणड्डे समठे, अभयदेवी बाद से केणटेणं भंते ! जाव नो णं तहा केवली हसेज वा जाव उस्सुयाएज वा, गोयमा ! जणं जीवा चरित्त-PART या वृत्तिः१५ मोहणिजस्स कम्मस्स उदएणं हसति वा उस्सुयायति वा से णं केवलिस्स मस्थि, से तेणद्वेणं जाव नो णं द्यभावः ॥२१७॥ तहा केवली हसेज वा उस्मुयाएज्ज वा । जीवे णं भंते ! हसमाणे वा उस्सुयमाणे वा कइ कम्मपयडीओ सू १८६ पंधइ ?, गोयमा ! सत्तविहबंधए वा अट्टविहबंधए वा, एवं जाव वेमाणिए, पोहत्तिएहिं जीवेगिंदियवजो तियभंगो॥ छउमत्थे णं भंते ! मणूसे निदाएज्ज वा पयलाएज वा!, हंता निदाएज वा पपलाएज वा, जहा हसेज्ज वा सहा नवरं दरिसणावरणिजस्स कम्मस्स उदएणं निहायंति वा पयलायंति वा, से णं केवलिस्स. नत्थि, अन्नं तं चेव । जीवे णं भंते ! निदायमाणे वा पयलायमाणे वा कति कम्मपयडीओ पंधई, गोयमा। |सत्तविहषंधए वा अट्टबिहबंधए वा, एवं जाव वेमाणिए, पोहत्तिएसु जीवेगिंदियवजो तियभंगो ॥ (सूत्रं १८६) 'छउमत्थे'त्यादि, 'उस्सुयाएजत्ति अनुत्सुक उत्सुको भवेदुत्सुकायत,विषयादानं प्रत्यौत्सुक्यं कुर्यादित्यर्थः, 'जनं जीव'त्ति यस्मात् कारणाजीवः ‘से णं केवलिस्स नस्थिति तत्पुनश्चारित्रमोहनीय कर्म केवलिनो नास्तीत्यर्थः, 'एवं | ॥२१७॥ जाव वेमाणिए'त्ति, एवमिति जीवाभिलापवनारकादिर्दण्डको वाच्यो यावद्वैमानिक इति, स चैवम्-'नेरइए णं भंते ! हसमाणे वा उस्सुयमाणे वा कइ कम्मपबडीओ बंधइ ?, गोयमा ! सत्तविहबंधए वा अविबंधए वा' इत्यादि, इह 55544 दीप अनुक्रम २२६] % A5%3A ~447~
SR No.035008
Book TitleSavruttik Aagam Sootraani 1 Part 08 Bhagavati Mool evam Vrutti Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnandsagarsuri, Dipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherVardhaman Jain Agam Mandir Samstha Palitana
Publication Year2017
Total Pages592
LanguagePrakrit, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size129 MB
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