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________________ आगम (०५) [भाग- ८] “भगवती"-अंगसूत्र-५/१(मूलं+वृत्ति:) शतक [१], वर्ग [-], अंतर्-शतक [-], उद्देशक [६], मूलं [१२] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण संकलित..आगमसूत्र- [०५, अंगसूत्र- [०५] "भगवती मूलं एवं अभयदेवसूरि-रचिता वृत्ति: प्रत सूत्रांक [५२] दीप अनुक्रम [७१] व्याख्या- दर्शनं शल्यमिव विविधव्यथानिबग्धनत्वान्मिथ्यादर्शनशल्यमिति ॥ एवं तावद्गीतमद्वारेण कर्म प्ररूपित, तच्च प्रवाहतः | १ शतके प्रज्ञप्ति शाश्वतमित्यतः शाश्वतानेव लोकादिभावान् रोहकाभिधानमुनिपुङ्गवद्वारेण प्ररूपयितुं प्रस्तावयन्नाह उद्देशः६ अभयदेवी| तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतेवासी रोहे नाम अणगारे पगइभए पग ४ रोहकपया वृत्तिः च्छा लोकाइमजए पगइविणीए पगइ उपसंते पगइपयणुकोहमाणमायालोमे मिउमहवसंपन्ने अल्लीणे भद्दए विणीए सम-ICI || लोकादि॥८॥ णस्स भगवओ महावीरस्स अदूरसामंते उहुंजाणू अहोसिरे झाणकोडोवगए संजमेणं तवसा अप्पाणं भावे Mमाणे विहरइ, तए णं से रोहे नामं अणगारे जायसडेजाव पजुवासमाणे एवं वदासी-पुचि भंते! लोए पच्छा अलोए पुचि अलोए पच्छा लोए, रोहा ! लोए य अलोए य पब्धिपेते पच्छापते दोवि एए सासया भावा. ४अणाणुपुच्ची एसा रोहा!। पुचि भंते ! जीवा पच्छा अजीवा पुचि अजीवा पच्छा जीवा?, जहेच लोए य] & अलोए य तहेव जीवा य अजीवा य, एवं भवसिडीया य अभवसिद्धीया य सिद्धी असिद्धी सिद्धा असिजा, पुब्धि भंते ! अंडए पच्छा कुकुडी पुवि कुछडी पच्छा अंडए, रोहा ! से गं अंडए कओ, भयवं! कुकुडीओ, सा णं कुमुडी कओ, भंते ! अंडयाओ. एवामेव रोहा । से य अंडए सा य कुकुडी, पुठियपेले पच्छा|पेते दुवेते सासया भावा, अणाणुपुब्बी एसा रोहा! पब्बि भंते ! लोयंते पच्छा अलोयते पुर्व अलोपते पच्छा लोयंते !, रोहा! लोयंते य अलोयंते य जाव अणाणुपुच्ची एसा रोहा!। पुब्धि भंते ! लोयंते पच्छा सत्तमे उवासंतरे पुच्छा, रोहा ! लोयंते य सत्तमे उवासंतरे पुबिपि दोवि एते जाव अणाणुपुब्वी एसारोहा !। एवं ho॥ रोहक-अनगार कृत् विविध प्रश्न: एवं भगवत: उत्तराणि ~174~
SR No.035008
Book TitleSavruttik Aagam Sootraani 1 Part 08 Bhagavati Mool evam Vrutti Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnandsagarsuri, Dipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherVardhaman Jain Agam Mandir Samstha Palitana
Publication Year2017
Total Pages592
LanguagePrakrit, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size129 MB
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