________________
भाग
कुलपृष्ठ ३१४
01
५८६
४९८
३९२
५९४
४९४ ३३८ ५९२ ५५२
“सवृत्तिक-आगम-सुत्ताणि" भाग १ से ४० में कहां क्या मिलेगा?
इस भागमे समाविष्ट आगम के नाम और आगम-क्रम आगम ०१ आचार मूलं एवं वृत्ति भाग-१ श्रुतस्कन्ध-१, अध्ययन- १,२ आगम ०१ आचार मूलं एवं वृत्ति, भाग-२ श्रुतस्कन्ध-१, अध्ययन- ३ से ९, श्रुतस्कन्ध-२ आगम ०२ सूत्रकृत मूलं एवं वृत्ति, भाग-१ श्रुतस्कन्ध-१, अध्ययन- १ से १३ आगम ०२ सूत्रकृत मूलं एवं वृत्ति, भाग-२ श्रुतस्कन्ध-१, अध्ययन १४ से १६, श्रुतस्कन्ध-२ आगम ०३ स्थान मूलं एवं वृत्ति, भाग-१ स्थान- १ से ४ आगम ०३ स्थान मूलं एवं वृत्ति, भाग-२ स्थान- ५ से १० संपूर्ण आगम ०४ समवाय मूलं एवं वृत्ति. आगम ०५ भगवती मूलं एवं वृत्ति, भाग-१ शतक-१ से ६ आगम ०५ भगवती मूलं एवं वृत्ति, भाग-२ शतक-७ से ११ | आगम ०५ भगवती मलं एवं वृत्ति, भाग-३ शतक- १२ से २० | आगम ०५ भगवती मूलं एवं वृत्ति, भाग-४ शतक- २१ से ४१ संपूर्ण आगम ०६ ज्ञाताधर्मकथा मूलं एवं वृत्ति.. आगम-७,८,९,१०उपासकदशा, अंतकृतदशा, अनुत्तरोपपातिकदशा, प्रश्नव्याकरण मूलं एवं वृत्ति. | आगम-११,१२, विपाक, उववाई मुलं एवं वृत्ति.
आगम १३ राजप्रश्नीय मूलं एवं वृत्ति. | आगम९४ जीवाजीवाभिगम भाग-१ मूलं एवं वृत्ति. [प्रतिपत्ति-३-अतर्गत सूत्र- १ से १३८ आगम१४ जीवाजीवाभिगम भाग-२ मूलं एवं वृत्ति. [प्रतिपत्ति-३-अतर्गत] सूत्र- १३९ से प्रतिपत्ती-१० संपूर्ण आगम १५ प्रज्ञापना भाग-१ मुलं एवं वृत्ति. पद-१ से ५ आगम १५ प्रज्ञापना भाग-२ मूलं एवं वृत्ति. पद-६ से २२ आगम १५ प्रज्ञापना भाग-३ मूलं एवं वृत्ति. पद- २३ से ३६ संपूर्ण | आगम १६ सूर्यप्रज्ञप्ति मूलं एवं वृत्ति.
५१४
३८४
13
५२२ ५३८ ३८४ ३१४ ४८० ४८८ ४२६
20 21
५१४ ३३६ ६१०
~386~