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-XVI.1201
भावायम्मकहानो समणीओ निग्गंथीओ इरियासमियाओ आव गुत्तबंमचारिणीओ । नो खलु अम्हें कप्पइ बहिया गामस्स वा जाप सनिवसरस वा छटुंछट्टेणं नाव विहरित्तए । कप्पइ णं अम्हें अंतोउवस्सयस्स बपरिक्खित्तस्स सैघाडिबद्धियाए णं समतलपईयाए आयावेत्तए । तए णं सा सूमालिया गोवालियाए एयमद्वं नो सहहइ नो पत्तियह नो रोएई एयमढे असरहमाणी ३ मुभूमिभागस्स उज्जाणस्स अदूरसामंते छटुंछटेणं नाव बिहरइ ।
(119) सस्थ णं चंपाए ललिया नाम गोट्ठी परिवसइ नरवइदिन्नपैयारा अम्मापिइनिययनिप्पिवासा वेसविहारकयनिकेया नाणाविहअविणयप्पहाणा अड्डा नाव अपरिभूया । तत्थ णं चंपाए देवदत्ता नामं गणिया होत्था सूमाला जहा अंडनाए । तए णं तीसे ललियाए गोट्ठीए अनया कयाइ पंच गोहिल्लगपुरिसा देवदत्ताए गणियाए सद्धिं सुभूमिभागस्स उजाणस्स उजाणसिरिं पचणुब्भवमाणा विहरति । तत्थ णं एगे गोहिल्लगपुरिसे देवदत्तं गाणयं उच्छंगे धरेइ एगे पिट्ठमो आयवत्तं धरेइ एगे पुप्फपूरगं रएइ एगे पाए रएइ एगे चामरुक्खेवं करेइ । तए णं सा सूमालिया अज्जा देवदत्तं गणियं तेहिं पंचहि गोहिल्लपुरिसेहिं सद्धिं उरालाई माणुस्सगाई भोगभोगाई भुंजमाणीं पासइ २ इमेयारूवे संकप्पे समुप्पजित्था - अहो णं इमा इत्थिया पुरापोराणाणं कम्माणं जाव विहरइ । तं जइ णं केइ इमस्स सुचरियस्स तवनियमबंभचेरवासस्स कल्लाणे फलविचिविसेसे अत्थि तो णं अहमवि आगमिस्सेणं भवग्गहणेणं इमेयारूवाइं जरालाई जाव विहरिज्जामि तिकटु नियाणं करेइ २ आयावणभूमीएं पञ्चोरुभैइ।
(120) तए णं सा सूमालिया अजा सरीरबाउंसा जाया यावि होत्था अभिक्खणं २ हत्थे धोवेइ अभिक्खणं २ पाए धोवेइ सीसं धोवेइ मुहं धोवेइ थणतराई धोवेइ कक्खंतराइं धोवेइ गुझंतराइं धोवेइ जत्थ २ णं ठाणं वा सेजं वा निसीहियं वा चेएइ तत्थ वि यणं पुत्वामेव उदएणं अब्भुक्खेत्ता तओ पच्छा ठाणं वा ३ चेएइ । तए णं ताओ गोवालियाओ अज्जाओ सूमालियं अजं एवं वयासी-एवं खलु अज्जे ! अम्हे Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat
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