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विविध विषय भ्रम- संशोधन – नागरीप्रचारिणी पत्रिका ( नवीन संदर्भ ), भाग १५, संख्या २, पृष्ठ १५७ - १६८ में श्री पृथ्वीराज चौहान, बूँदी का लिखा “इतिहास-प्रसिद्ध दुर्ग रणथंभौर का संक्षिप्त वर्णन" शीर्षक एक लेख छपा है । यही लेख बाबू हरिचरण सिंह चौहान के नाम से नागरीप्रचारिणी पत्रिका ( पुराना संदर्भ ), भाग २३, संख्या १२ ( जून १९१८, पृष्ठ २६५-२७१ ) में छप चुका है। पहले और पिछले लेख में विशेष अंतर यही है कि पिछले लेख में पहले लेख का पहला पैराग्राफ छोड़ दिया गया है। नागरीप्रचारिणी पत्रिका में इस प्रकार की साहित्यिक चोरी का यह पहला उदाहरण है । आशा है, श्री पृथ्वीराज चौहान इसके संबंध में तथ्य की बात लिखकर इस विषय को स्पष्ट करेंगे ।
संपादक ना० म० प०
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