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(१४) विविध विषय
समालोचना
धर्मज्योति-पृष्ठ-संख्या ४११, लेखक श्री जगतनारायण बी० एस-सी०, मूल्य १।।
थियासोफी और हिंदू धर्म के विषय में यह मौलिक ग्रंथ है। भाषा इतनी सरल है और विषय का वर्णन इतनी अच्छी तरह से किया गया है कि हर कोई साधारण बुद्धि का भी इसे सरलता से समझ सकता है। और अनुवादों में यह सरलता नहीं पाई जाती। हिंदू धर्म के गुप्त रहस्यों को बताने का भी प्रयत्न किया गया है। भाषा में कहीं कहीं प्रांतीयता आ गई है। थियासोफी का हिंदी में प्रचार करने में, उसका पूर्ण दिग्दर्शन कराने में, और उसमें रुचि उत्पन्न करने में यह पुस्तक बहुत महत्त्व की है। स्त्रियों और बालकों को भी समझने में कोई कठिनाई न पड़ेगी।
पंड्या बैजनाथ
सूचीपत्र-कलकत्ता की श्री बड़ा बाजार कुमार-सभा ने अपने पुस्तकालय की पुस्तकों की सूची ४३० पृष्ठों में प्रकाशित की है। इसमें पुखकों का वर्गीकरण-संख्या (नंबर )देने के नियम को छोड़करपाश्चात्य देशों में विलित Melvil Dewey के Decimal classification के अनुसार किया गया है। पुस्तकों के वर्गीकरण के लिये यह प्रणाली बहुत ही प्रसिद्ध और सुविधाजनक है। भारत
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