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खड़ी बोलो के संख्यावाचक शब्दों की उत्पत्ति ४२६ आगे के कोष्टकों में खड़ी बोली के पूर्णांकबोधक तथा अपूर्णांकबोधक संख्यावाचक शब्दों के साथ साथ संस्कृत, शौरसेनी प्राकृत, अर्धमागधी प्राकृत तथा अपभ्रंश के शब्द दिए जाते हैं। हिंदी की प्रधान विभाषाओं के भी कुछ शब्द दिए जाते हैं जिनसे यह जानने में सहायता मिलेगी कि खड़ी बोली के रूप अपनी अन्य बहिनों के रूपों से कितनी कम भिन्नता रखते हैं। विभाषा के सब शब्दरूप नहीं दिए गए हैं, क्योंकि अधिकांश रूप परस्पर समान ही पाए जाते हैं।
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