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तिचर
चौहत्तर
नागरीप्रचारिणी पत्रिका
पचासी
छियासी
सौ से ऊपर के संख्यावाचक शब्दों की रचना
पचहत्तर, पछत्तर सत्तासी, सतासी
छिहत्तर
अट्ठासी अठासी
सतहत्तर
नवासी
हजार, सहस्र
अठहत्तर
नब्बे, नव्वे
लाख
उनासी
इक्यानवे, इकानवे कड़ोड़, करोड़
अस्सी
बानबे, बानवे
अर्ब
अरब
इक्यासी, इकासी तिरानवे, तिरानवे खर्व, खरब चौरानबे, चौरानवे नील
बयासी
तिरासी
पंचानबे, पंचानवे पद्म
चौरासी
छियानबे छियानवे शंख
हिंदी में सौ से ऊपर के शब्द, जितने सौ के ऊपर जिस संख्या का बोध कराना अभीष्ट रहता है उस संख्या को उतने सौ के साथ कहकर बना लिए जाते हैं । उदाहरणार्थ चार सौ से ऊपर चालीस का बोध कराने के लिये 'चार सौ चालीस' कहेंगे । ऊँची संख्या को पहले रखते हैं और नीची संख्या को उसके बाद । इसी ढंग से शंख तक शब्दों की रचना कर ली जाती है, जैसे 'चार शंख पाँच पद्म बारह नील चौहत्तर लाख नौ अरब छ: करोड़ दो लाख तीन हजार एक सौ तेईस' । सौ से ऊपर की संख्याओं के वाचक शब्दों के बनाने का यह ढंग संस्कृत से कुछ भिन्न है । इस प्रकार के शब्दों की रचना करने के लिये संस्कृत में 'अधिक', 'उत्तर' अथवा 'च' की सहायता ली जाती है । उदाहरणार्थ 'एक सौ एक' के लिये संस्कृत में 'एकाधिकं शतम्', सात सौ चैौवन के लिये 'चतु:पश्वाशदुत्तरं सप्तशतम्' तथा सात सौ बीस के लिये 'सप्त च शतानि
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सत्तानबे, सत्तानवे
अट्ठानबे, अट्ठानवे
निन्नानबे, निनानवे
सौ
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